बांसवाड़ा

Rajasthan News : भूंगड़ा में भविष्य जानने को उमड़ा जनसमूह, डीजल-पेट्रोल रेट के बारे में कही बड़ी बात

Know Future in Banswara : बांसवाड़ा के भूंगड़ा कस्बे में अपना भविष्य जानने के लिए भीड़ उमड़ आई। चौपड़ा वाचन से लोगों के भविष्य के सवालों का जवाब दिया गया। अपना उत्तर सुन प्रश्नकर्ताओं के चेहरे खिल गए।

बांसवाड़ाJan 15, 2024 / 10:47 am

Sanjay Kumar Srivastava

Chaupra reading Banswara Bhungra

Chaupra Reading on Makar Sankranti : बांसवाड़ा के भूंगड़ा कस्बे में रविवार को मकर संक्रांति पर ग्रह-नक्षत्रों की चाल सहित मौसम, कृषि, देश-दुनिया और वार्षिक भविष्यफल जानने के लिए वागड़-मेवाड़ सहित समीपवर्ती मालवा क्षेत्र से जनसमूह उमड़ पड़ा। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में प्रतिवर्ष मकर संक्रांति पर होने वाले चौपड़ा वाचन में पं. दक्षेश पंड्या ने पहले भगवान कृष्ण की कथा सुनाई। इसके बाद वर्षफल का सुनाया। चौपड़ा वाचन कर पं. पंड्या ने बताया कि इस वर्ष मकर संक्रांति अश्व को वाहन बनाकर सारथी के रूप में सिंह को लिए हुए है। यह वर्ष आदिवासी, अल्पसंख्यक, निर्धन, असहाय, अनुसूचित जाति, मध्यम वर्ग, संग्रहणकर्ता, लोभी के लिए शुभ फलदायी है।

अभिनेता, फिल्म निर्माता, वादक, नर्तक व गायक के लिए कष्टप्रद रहेगा। ऋतुजनित विषमता से संक्रामक रोग बढ़ेंगे। राष्ट्रीय मुद्रा कोष व उत्पादन में कमी आएगी। लूटपाट, हिंसा, कर में वृद्धि होगी। शाकाहारी व मांसाहारी वर्ग में तनाव रहेगा। मध्यवर्गीय मजदूर वर्ग पर भार बना रहेगा।

डीजल-पेट्रोल व ईंधन के दाम बढ़ेंगे

पहाड़ी भागों व जंगलों पर विशेष भार रहेगा। बर्फबारी, तूफान, अग्निभय और प्राकृतिक प्रकोप अधिक होंगे। तूफान, चक्रवात से समुद्रीय तटीय इलाकों में जनधन की क्षति होगी। दुर्घटनाओं में वृद्धि होगी। दाल, तिल, ग्वार, उड़द, चावल व मूंग के अतिरिक्त डीजल-पेट्रोल व ईंधन के दामों में वृद्धि होगी। धातुओं के भाव में तेजी रहेगी पशुओं में बीमारी से पशुपालकों को कष्ट रहेगा। मलेरिया, निमोनिया, हैजा व अतिसार के संक्रमण का खतरा रहेगा। रोहिणी का निवास धोबी के घर तट पर होने से खंडवृष्टि के योग हैं। डेयरी फार्म, मुर्गीपालन, मछली पालन के व्यवसाय में लाभ होगा।

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आंकड़ों पर नजर

133 वर्ष से हो रहा यह आयोजनै
1890 में हुई थी चौपड़ा वाचन की शुरुआत।
15 से 20 हजार लोगों की रही मौजूदगी।
14 जनवरी को प्रतिवर्ष होता है चौपड़ा वाचन।
02 माह का समय लगता है चौपड़ा तैयार करने में।

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