पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कोतवाली पुलिस के कांस्टेबल महीपाल सिंह को एक सूचना मिली थी कि 3 युवक संदिग्ध हैं और बांसवाड़ा रोडवेज बस स्टैंड पर हैं। ऐसे में मौके पर पुलिस पहुंचती उससे पहले आरोपी हिम्मतनगर जाने वाली चामुण्डा ट्रेवल्स की बस में सवार हो गए। बस भी बांसवाड़ा से रवाना हो गई। इस कारण उच्चाधिकारियों को सूचना देने के बाद पूरे रूट के थानों को इसकी जानकारी दे दी गई।
पुलिस ने नाकाबंदी करा की कार्रवाई
सूचना मिलने पर सबसे पहले गढ़ी थाना पुलिस सक्रिय हुई। तत्काल नाकाबंदी करा दी गई संबंधित बस आने रुपए रुकवाई और तीनों संदिग्धों को बस से उतार लिया गया। पहले तो तीनों पुलिस को संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दे रहे थे, पर जब पुलिस ने सख्ती से पूछा तो तीनों नई-नई कहानी बनाने लगे। इस पर तीनों की तलाशी ली गई तो उनके पास से हीर मिले। इस पर दीपक परमार पुत्र मगन भाई निवासी परमारवास वार्ड नम्बर 2 ईडर जिला साबरकाटा गुजरात, नवदीप पुत्र नरसी भाई जाति, निवासी कृष्ण नगर थाना कृष्णनगर जिला अहमदाबाद गुजरात व सचिन पुत्र जसवंत भाई निवासी ईडर टावर थाना हिम्मतनगर जिला सावरकाटा गुजरात को डिटेन कर लिया गया। इसके बाद से 220.350 कैरेट हीरे और 77 हजार 370 रुपए जब्त किए गए। तीनों हीरे व नगदी के बारे कोई जानकारी नहीं दे पाए। ऐसे में तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
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चोरों पर महाराष्ट्र में भी मामले दर्ज
वहीं, पुलिस ने अपने तरीके से पूछताछ शुरू की तो पता चला कि यह चोरी के हैं। इस पर मुंबई में संपर्क किया तो पता चला कि इस मामले में 10 दिसंबर को किरण रतिलाल रोकानी निवासी कान्दीवली पूर्व, पुलिस थाना गोरेगांव, जिला मुम्बई महाराष्ट्र प्रकरण दर्ज है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी के कार्यालय से करीब 1 करोड़ 47 लाख 53 हजार रुपए के हीरे चोरी हुए हैं। कार्रवाई करने वाली टीम में एएसआई जयपाल सिंह, हैड कांस्टेबल अशोक कुमार, कांस्टेबल प्रदीप सिंह, वासुदेव, पन्नालाल, परजन्य सिंह, अशोक कुमार और राहुल शामिल थे।
सीआई रोहित कुमार ने बताया कि करीब डेढ़ करोड़ के हीरे जब्ती की कार्रवाई की है। जो कि प्राथमिक जांच में चोरी के होना पाया गया है। यह मुंबई का मामला है, इस मामले की जांच कर रही गोरेगांव पुलिस को सूचना दे दी गई है। फिलहाल तीनों आरोपी गढ़ी थाने की कस्टडी में हैं।