रविवार व सोमवार को सुबह ६ बजे नौका विहार से कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। राधा कृष्ण को नौका में बैठाकर पास ही कुंड में नौका विहार कराया गया। इसके बाद चार अभिषेक हुए। प्रथम अभिषेक फलों के रस से, दूसरा अभिषेक पुष्प अभिषेक, औषध स्नान व चौथा अभिषेक पंचगव्य व पंचामृत से किया गया। शाम को भगवान के विग्रह को झूलन के पश्चात शयन आरती हुई। दोनों दिन शाम को दही हांडी उत्सव हुआ। मंगलवार को इस्कॉन के संस्थापक प्रभुपाद का १२१ वां जन्मदिन है। इस दिन प्रभुपाद का अभिषेक व आरती होगी तथा छप्पनभोग चढ़ाया जाएगा।