बैंगलोर

समस्याओं के समाधान के लिए खुद ही पहल करनी होगी

कोयम्बत्तूर में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों से चर्चा

बैंगलोरApr 13, 2024 / 09:34 pm

Santosh kumar Pandey

कोयम्बत्तूर. राजस्थान पत्रिका के प्रबंध निदेशक व ज्वाइंट ग्रुप एडिटर निहार कोठारी ने कहा कि समाज को अपनी समस्याओं की पहचान करनी होगी और उसकी जड़ में जाकर समाधान तलाश करने होंगे और खुद भी समाधान का रास्ता बनना होगा। समस्या चाहे पानी की हो, भाषा की हो या सांस्कृतिक अवमूल्यन की, समाज की सक्रिय सहभागिता से ही समाधान निकलेगा।
उन्होंने कोयम्बत्तूर में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधियों से समाज की ज्वलंत समस्याओं व मुद्दों पर चर्चा की और कहा कि राजनेताओं या नौकरशाहों का मुंह ताकने के बजाय हमें खुद ही पहल करनी होगी और बदलाव को यथार्थ में बदलना होगा।
कोयम्बत्तूर व बेंगलूरु जैसे शहरों में गम्भीर होते जल संकट की चर्चा पर उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो हमें पानी की बर्बादी रोकनी होगी। पानी का मूल्य समझना होगा। जल स्रोतों को जीवित करना होगा। जहां जरूरी हो, जीवनशैली में बदलाव लाना होगा। पत्रिका के अमृतम् जलम् अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि बावड़ी, तालाब, झीलों और पोखरों की सफाई से एक जागरूकता तो आ रही है। इस तरह के राष्ट्रव्यापी अभियान की जरूरत है जिसमें सभी की सहभागिता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पत्रिका विश्वसनीय खबरों के साथ ही अपने सामाजिक सरोकार के लिए भी जाना जाता है। राजस्थान में काले कानून के विरोध में जब तक काला तब तक ताला का जिक्र करते हुए कहा कि हम समाज की आवाज, समाज का प्रतिबिंब हैं और अपनी भूमिका को लेकर जागरूक हैं। समाज आगे आए, मुद्दे उठाए, चर्चा करे, पत्रिका साथ है। तस्वीर बदलेगी।हिंदी विकास में सहायक मित्र की तरह
हिंदी के संरक्षण की बात चली तो उन्होंने कहा कि भाषा के साथ संस्कार भी आते हैं। हमारे यहां भाषा की विविधता है। भाषा जुड़ाव का माध्यम कैसे बने, यह सोचना है। इसे लेकर नकारात्मक सोच बदलने की जरूरत है। पत्रिका दक्षिणी राज्यों में यह भूमिका निभा रहा है। हिंदी सिखाई जानी चाहिए और लोगों को यह बताया जाना चाहिए हिंदी उनकी राह का रोड़ा नहीं, विकास में सहायक एक मित्र की तरह है। समस्या है लेकिन हमें समाधान की सोच लानी होगी।
राजस्थानी समाज की प्रतिनिधि संस्था राजस्थानी संघ में औपचारिकताओं से दूर, पारिवारिक माहौल में हुई चर्चा के दौरान विभिन्न समाज के लोगों ने अपने दिल की बात रखी। पत्रिका से अपने लगाव व उम्मीदों का इजहार किया।
इनकी रही उपस्थिति

राजस्थानी संघ के पूर्व अध्यक्ष चम्पालाल बाफना, माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष श्रीगोपाल माहेश्वरी, कोयम्बत्तूर वेलफेयर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मांगीलाल परमार, राजस्थान जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष गुलाबचंद मेहता, तेरापंथ सभा अध्यक्ष उत्तमचंद गुगलिया, स्थानकवासी जैन संघ के पूर्व अध्यक्ष घीसूलाल हिंगड़, सुनील कुमार हिंगड़, अग्रवाल समाज के संतोष पटवारी, अखिल भारतीय जायसवाल समाज के कार्यकारी अध्यक्ष अटल गुप्ता, सृजन एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष संतोष मूंदड़ा, राजेन्द्र सूरी जैन ट्रस्ट के सचिव महावीर मेहता, राजस्थानी ब्राह्मण संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा, आदर्श यूपी समाज के अध्यक्ष मानेश्वर सिंह, ब्राह्मण संघ के अध्यक्ष सुभाष तिवारी, वर्धमान जैन सेवा संघ, कोयम्बत्तूर के संस्थापक राजेश गादिया, राजस्थानी संघ के कोषाध्यक्ष विक्रम सालेचा, भगवान महावीर गोशाला के पूर्व सचिव मोतीलाल राठौड़, कोयम्बत्तूर जैन महासंघ के उपाध्यक्ष राकेश मेहता, राजस्थानी संघ के पूर्व अध्यक्ष रमेश सुतलिया, सामाजिक कार्यकर्ता श्रवण बोहरा, सुरेंद्रनाथ पांडेय, ललित जालौरी सहित अन्य लोगों की उपस्थिति रही। संचालन गुलाबचंद मेहता ने किया।

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