बैंगलोर

शह-मात के खेल में मशगूल दिखे दृष्टिबाधित बच्चे

कोई किसी को शह-मात दे रहा था तो कोई किसी को हराने में मशगूल था।

बैंगलोरNov 17, 2024 / 06:04 pm

Nikhil Kumar

chess

कोई किसी को शह-मात दे रहा था तो कोई किसी को हराने में मशगूल था। कुछ ऐसा ही नजारा था मैसूरु के नंजराज बहादुर चौल्ट्री का। यहां शनिवार को दृष्टिबाधित बच्चों के लिए दो दिवसीय राज्य स्तरीय शतरंज टूर्नामेंट Chess Tournament शुरू हुआ।
युवा सशक्तिकरण एवं खेल विभाग के सहायक निदेशक भास्कर नायक ने दिव्यांग एवं वरिष्ठ नागरिक सशक्तिकरण विभाग, कर्नाटक राज्य दृष्टिबाधित संघ और इक्विबींग फाउंडेशन द्वारा आयोजित टूर्नामेंट का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में कर्नाटक के विभिन्न दृष्टिबाधित स्कूलों के कुल 54 दृष्टिबाधित छात्र भाग ले रहे हैं। टूर्नामेंट का समापन रविवार को होगा।प्रतिभागी विशेष रूप से डिजाइन किए गए अनुकूली शतरंज बोर्ड का उपयोग करके प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
इक्विबींग फाउंडेशन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनंतलक्ष्मी वी. ने कहा, दृष्टिबाधित बच्चों को अक्सर सामाजिक बाधाओं के कारण खेल और मनोरंजक गतिविधियों से बाहर रखा जाता है। इस तरह के आयोजनों के जरिए हम इन बच्चों को खेल की दुनिया में भाग लेने, उत्कृष्टता हासिल करने और मौजूदा बाधाओं को तोडऩे का अवसर प्रदान करते हैं। यह पहल विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम 2016 के अनुरूप है, जो हर बच्चे को खेल, शारीरिक गतिविधियों और मनोरंजन में भाग लेने के अधिकार की गारंटी देता है।

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