उद्घाटन सत्र में आदर्श समूह के अध्यक्ष पदमराज मेहता व सचिव जितेंद्र मडरिया ने शुभकामनाएं दीं। कॉलेज प्राचार्य डॉ एस प्रशांत और एकेडमिक डीन डॉ मनोज जैन ने स्वागत किया। उद्घाटन सत्र में स्वामी वीरेशानंद सरस्वती, अध्यक्ष रामकृष्ण विवेकानंद आश्रम तुमकुरु, चाणक्य यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर व डीन डॉ एचएस अशोक, ज्योति इंस्टिट्यूट ऑफ़ कॉमर्स एवं मैनेजमेंट के निर्देशक लक्ष्मण प्रसाद व आकाशवाणी के शंकर नारायण उपस्थित थे।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र के विषय, आपका काम आपको परिभाषित करता है और आप राष्ट्र को परिभाषित करते हैं’ पर स्वामी वीरेशानंद सरस्वती ने सभी शिक्षकों को ‘मास और क्लास
शिक्षा’ में अंतर बताते हुए कहा कि शिक्षा को अन्य नौकरियों के समान माना जाना चाहिए। उन्होंने ज्ञान को मूर्त से अमूर्त की ओर जाने की प्रक्रिया बताया।
दूसरे सत्र में 21वीं सदी में शिक्षक की चुनौतियां विषय पर डॉ अशोक ने सीखने के महत्व को लेकर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया।
शिक्षा’ में अंतर बताते हुए कहा कि शिक्षा को अन्य नौकरियों के समान माना जाना चाहिए। उन्होंने ज्ञान को मूर्त से अमूर्त की ओर जाने की प्रक्रिया बताया।
दूसरे सत्र में 21वीं सदी में शिक्षक की चुनौतियां विषय पर डॉ अशोक ने सीखने के महत्व को लेकर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया।