बैंगलोर

गुर्दा नहीं गर्भाशय में थी समस्या

– चिकित्सकों की सूझबूझ से बचा महिला का गुर्दा

बैंगलोरJun 28, 2022 / 09:10 am

Nikhil Kumar

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– कई चिकित्सकों ने दी थी निकालने की सलाह

बीमारी कहीं और थी और ज्यादातर चिकित्सक गुर्दे के पीछे पड़े रहे। कुछ ने तो एक गुर्दा निकालने की सलाह तक दे दी थी।

नियमित स्वास्थ्य जांच के दौरान पता चला कि बायां गुर्दा प्राकृतिक रूप से काम नहीं कर रहा है। जन्मजात समस्या की बात कहते हुए दो चिकित्सकों ने गुर्दा निकालने की सलाह दी।

पुराने स्कैन रिपोर्ट ने पूरी कहानी बदल दी। छह माह पहले तक दोनों गुर्दे पूरी तरह से स्वस्थ थे। बिना किसी ठोस कारण के एक गुर्दा का इतनी जल्दी जबाव दे जाना चिकित्सकों के गले उतरने वाली बात नहीं थी।

एनयू अस्पताल के यूरोलॉजिस्ट विनोद कुमार ने बताया कि महिला अस्पताल आई तो गुर्दा सात प्रतिशत ही काम कर रहा था। लेकिन, स्कैन रिपोर्ट के अनुसार छह माह पहले तक गुर्दे ठीक थे। इसलिए जन्मजात समस्या की बात गलत निकली।

आगे की जांच में पता चला कि गर्भाशय का आकार बढऩे के कारण बायां यूरेटर (गुर्दे को मूत्राशय से जोडऩे वाला पाइन) संकुचित हो गया था। गुर्दा के काम नहीं करने का कारण अवरोध था।

विस्तृत जांच में यूटेराइन एंडोमेट्रियल (गर्भाशय में गैर-कैंसरयुक्त वृद्धि) की पुष्टि हुई। इसके कारण मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव और दर्द हो रहा था। स्त्री रोग विशेषज्ञों ने गर्भाशय हटाने का निर्णय लिया। बाएं यूरेटर को दुरुस्त कर गुर्दे को बचा लिया गया।

कोरोना के 617 नए मामले
बेंगलूरु. प्रदेश में बीते एक दिन में कोविड के 617 नए मामले दर्ज हुए। इनमें से 592 संक्रमित अकेले बेंगलूरु शहरी जिले में मिले हैं। बेंगलूरु में 4,088 सहित प्रदेश में कुल 4,288 उपचाराधीन मामले हैं।

प्रदेश के कुल 39,65,452 संक्रमितों में से 39,21,050 ने कोरोना वायरस को मात दी है। प्रदेश में सोमवार को कोविड टेस्ट पॉजिटिविटी दर 3.12 फीसदी रही। स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को 19,757 कोविड नमूने जांचे और 41,652 लोगों का टीकाकरण हुआ।

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