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बेंगलूरु मेट्रो का सबसे लेटलतीफ हिस्सा आखिरकार तैयार हुआ, इस महीने खुलने की संभावना

सीएमआरएस (दक्षिणी सर्कल) एएम चौधरी और उनकी टीम ने गुरुवार को 3 किमी खंड का वैधानिक निरीक्षण किया। अब चौधरी ने वाणिज्यिक सेवाएं शुरू करने की स्वीकृति दे दी।

बैंगलोरOct 04, 2024 / 10:36 pm

Sanjay Kumar Kareer

सीएमआरएस ने दी ग्रीन लाइन के एक्सटेंशन पर परिचालन की सशर्त मंजूरी

बेंगलूरु. मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस), दक्षिणी सर्कल ने 4 अक्टूबर को नागसद्रं-मादावरा (बैंगलोर अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी केंद्र) खंड के शुरू होने को हरी झंडी दे दी। ग्रीन लाइन (उत्तर-पश्चिम में नागसंद्र से दक्षिण में सिल्क इंस्टीट्यूट) के तीन किमी लंबे एक्सटेंशन में तीन एलिवेटेड स्टेशन मंजूनाथ नगर, चिक्कबिदरकल्लू (जिंदल), और मादावरा (बीआईईसी) शामिल हैं। सीएमआरएस (दक्षिणी सर्कल) एएम चौधरी और उनकी टीम ने गुरुवार को 3 किमी खंड का वैधानिक निरीक्षण किया। अब चौधरी ने वाणिज्यिक सेवाएं शुरू करने की स्वीकृति दे दी।
सीएमआरएस ने इसके लिए कुछ शर्तें लगाई हैं और इन्हें पूरा करने के बाद खंड के उद्घाटन की घोषणा की जाएगी। अनुमोदन में कई शर्तें शामिल हैं, जिनमें नौ सामान्य शर्तें, सुरक्षा प्रावधानों और यात्री सुविधाओं से संबंधित, संचालन, सिविल इंजीनियरिंग और ट्रैक से संबंधित, विद्युत प्रणालियों, स्टेशनों के अलावा सिग्नलिंग और दूरसंचार से जुड़ी शर्तें शामिल हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सीएमआरएस द्वारा निर्धारित शर्तों को पूरा करने के बाद केंद्र और राज्य सरकार से परामर्श कर उद्घाटन की तारीख तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस महीने के भीतर खंड के खुलने की उम्मीद है।

देश का सबसे लेटलतीफ मेट्रो निर्माण

संभवतः यह देश में बनने वाले सबसे धीमे एलिवेटेड मेट्रो खंडों में से एक है। इससे पहले, कोलकाता मेट्रो के पहले खंड- 3.4 किमी भूमिगत खंड – को पूरा होने में लगभग 10 साल लग गए थे। बेंगलूरु में नम्मा मेट्रो नेटवर्क 73 किलोमीटर को कवर करता है, जो 2011 से हर साल औसतन मुश्किल से 7 किलोमीटर की बढ़ोतरी के बराबर है। नागसंद्र से 3 किलोमीटर एलिवेटेड ग्रीन लाइन एक्सटेंशन पर निर्माण 2017 में शुरू हुआ था और मूल रूप से इसे 27 महीनों (2019 के मध्य तक) में पूरा किया जाना था। लेकिन इसे पूरा होने में करीब 7 साल लग गए।

छह कोच की ट्रेन, लेकिन डिब्बों की कमी

मौजूदा मेट्रो कॉरिडोर पर पहले से चल रहे कोचों को मंजूरी के अनुसार, छह-कार ट्रेनों के साथ नागसंद्र-मादावरा सेक्शन पर चलने की अनुमति है। ट्रेनों की कमी को देखते हुए, ग्रीन लाइन विस्तार से सेवाओं की आवृत्ति कम होने की संभावना है। इस विस्तार से बेंगलूरु के बाहरी इलाकों में हजारों निवासियों को मेट्रो कनेक्टिविटी मिलने की उम्मीद है।

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