बैंगलोर

तेरापंथ धर्मसंघ की विशिष्ट पहचान है-एक गुरु का नेतृत्व-साध्वी अणिमाश्री

साध्वी अणिमाश्री का मंगल विहार

बैंगलोरApr 04, 2021 / 08:25 am

Yogesh Sharma

तेरापंथ धर्मसंघ की विशिष्ट पहचान है-एक गुरु का नेतृत्व-साध्वी अणिमाश्री

बेंगलूरु. साध्वी अणिमाश्री गांधीनगर तेरापंथ भवन से विहार कर शांतिनगर कुंडलिया सदन पहुंची। अपनी बड़भगिनी को विदा देने साध्वी डॉ. मंगलप्रज्ञा का भी अपनी सहवर्तनी साध्वियों के साथ पदार्पण हुआ। एक साथ दो-दो सिंघाड़ों का आगमन पाकर शांतिनगर का कण-कण पुलक उठा। किरणचंद, प्रकाशचंद कुंडलिया परिवार व शांतिनगर वासियों ने साध्वी वृन्द का स्वागत अभिनंदन किया। धरा अंबर को गुंजायमान करने वाला जुलूस साध्वी के श्रम की गौरव गाथा गा रहा था। शांतिनगर की सीमा में प्रविष्ट होते ही शांतिनगर वासियों ने साध्वी वृंद के स्वागत में श्रद्धा भक्ति के भावों की वंदन वार सजा दी।
साध्वी अणिमाश्री ने कहा तेरापंथ धर्मसंघ की विशिष्ट पहचान है-एक गुरु का नेतृत्व। गुरु जिंदगी में प्राण तत्व का संचार करने वाले होते हैं। वही भव्य आत्मा अपनी मंजिल तक पहुंच सकती है, जिसे गुरु का सामीप्य एवं सानिध्य प्राप्त हुआ है। गुरु के प्रति सर्वात्मना समर्पण ही शिष्य के सौभाग्य को बलवान बनाता है। संघ एवं संघ पति के प्रति श्रद्धा हमेशा वर्धमान रहे। मर्यादा व अनुशासन के परकोटे में रहते हुए हम संघ प्रभावना करते रहे।
साध्वी ने कहा गांधीनगर सभा, युवक परिषद,महिला मंडल एवं सभी ने तथा गांधीनगर के परिवारों ने अपने दायित्व का बखूबी निर्वहन किया है। सभा अध्यक्ष सुरेश दक सरल एवं समझदार हैं टीम सक्षम है। मंत्री नवनीत कर्मठ, चिंतनशील एवं समय पर हर काम को करने वाला है। शांतिनगर भी श्रद्धा का हरा भरा क्षेत्र है। उग्रविहारी मुनि कमल कुमार वामी के सान्निध्य में जप के कमल खिले थे। यहां का श्रद्धाशील, समर्पित, समझदार भाई जितेंद्र घोषाल साधु साध्वियों की विहार सेवा में नंबर वन है। सारे रूट का जानकार है। एमसी बलडोटा की प्रबुद्धता के साथ विनम्रता है। हर श्रावक व श्राविका अपने आप में नजीर है। सबकी संघ भक्ति, गुरु भक्ति बढ़ती रहे। प्रकाश नाम से ही प्रकाश नहीं अपने जीवन को भी धर्म से प्रकाशित किया है। साध्वी ने कहा आज 10 वर्षों के बाद साध्वी मंगल प्रज्ञा हमसे अलग हो रही हैं। इन्होंने अपने कृतित्व से कई कीर्तिमान बनाए हैं। संघ की पोथी पर श्रम की स्याही से कालजई आलेख लिखे हैं। आप अध्यात्म रूपी चंदन की महक से चंदन नगरी मैसूरु को सुभाषित कर देना।

साध्वी मंगलप्रज्ञा ने अपने उद्बोधन में कहा भगवान महावीर के धर्म की आधारशिला है। समता 3 अक्षरों वाला यह शब्द यदि जीवन में अवतरित हो जाए तो जीवन की दशा एवं दिशा-दोनों को बदल सकता है। साध्वी अणिमाश्री का जीवन समता का साक्षात निर्देशन है। इनका जीवन वत्सलता का झरना है, मां सरस्वती की अपार कृपा इन्हें प्राप्त है इन्होंने अपनी साधना से एवं प्रभावशाली प्रवचनों के द्वारा संघ की विशिष्ट प्रभावना की है। आप शांति व समता का संदेश लेकर शांतिनगर में आए हैं यहां से आपकी यात्रा प्रारंभ हो रही है। आपकी यात्रा संघ प्रभावक एवं नए इतिहास का सर्जन करने वाली हो मंगल कामना। साध्वी सुधाप्रभा ने अपनी अग्रजा भगिनी साध्वी मंगल प्रज्ञा के प्रति अपनी भावना प्रेषित की।
साध्वी कर्णिकाश्री, साध्वी सुधा प्रभा, साध्वी समत्वय यशा व साध्वी मैत्री प्रभा ने साध्वी डॉ. मंगल प्रज्ञा की विदाई में भावपूर्ण गीत प्रस्तुत किया। साध्वी सुदर्शनप्रभा, साध्वी चैतन्यप्रभा व साध्वी सौर्यप्रभा ने साध्वी अणिमाश्री की मंगलमय यात्रा की मंगल कामना की। गांधीनगर सभा अध्यक्ष सुरेश दक, मंत्री नवनीत मूथा, युग के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश कुंडलिया, विजयनगर सभा अध्यक्ष राजेश चावत, हेमंत छाजेड़, एमसी बलदोटा ने अपने भावों की प्रस्तुति दी। शांति नगर महिला मंडल ने सुमधुर गीत की प्रस्तुति दी। जितेंद्र घोषल विक्रम दुग्गड़, अरविंद बैद, दिनेश चोपड़ा ने चंग के साथ गीत की प्रस्तुति दी कार्यक्रम का संयोजन जितेंद्र घोषाल ने किया।

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