scriptदलितों को मंदिर में पहली बार प्रवेश की अनुमति के बाद मंड्या जिले के एक गांव में तनाव का माहौल | Tension prevails in a village in Mandya district after Dalits were allowed to enter the temple | Patrika News
बैंगलोर

दलितों को मंदिर में पहली बार प्रवेश की अनुमति के बाद मंड्या जिले के एक गांव में तनाव का माहौल

गांव में एक पुराना कालभैरवेश्वर स्वामी मंदिर है और दलितों को कभी भी उसमें प्रवेश की अनुमति नहीं थी। लगभग तीन साल पहले मंदिर के पुराने ढांचे को ध्वस्त कर एक नया मंदिर बनाया गया। हाल ही में, यह मंदिर राज्य सरकार के धार्मिक बंदोबस्ती विभाग के नियंत्रण में आ गया।

बैंगलोरNov 10, 2024 / 11:49 pm

Sanjay Kumar Kareer

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बेंगलूरु. मंड्या जिले के एक गांव में रविवार को उस समय तनाव फैल गया जब जिला प्रशासन ने दलितों को पहली बार ‘कालभैरवेश्वर’ मंदिर में प्रवेश और पूजा करने की मंजूरी दे दी। तनाव को देखते हुए हनाकेरे में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
हनाकेरे गांव में रहने वाले ऊंची जाति के लोग दलितों के मंदिर में प्रवेश से नाराज होकर मंदिर में स्थापित धातु वाली उत्सव मूर्ति कथित तौर पर अपने साथ ले गये। गांव में उच्च जाति के ज्यादातर लोग वोक्कालिगा जाति से ताल्लुक रखते हैं।
सूत्रों के अनुसार, गांव में एक पुराना कालभैरवेश्वर स्वामी मंदिर है और दलितों को कभी भी उसमें प्रवेश की अनुमति नहीं थी। लगभग तीन साल पहले मंदिर के पुराने ढांचे को ध्वस्त कर एक नया मंदिर बनाया गया। हाल ही में, यह मंदिर राज्य सरकार के धार्मिक बंदोबस्ती विभाग के नियंत्रण में आ गया।
इसके तुरंत बाद दलितों ने मंदिर में प्रवेश करने का फैसला किया लेकिन उच्च जाति के समुदाय के लोग इस बात पर सहमत नहीं हुए। दलितों ने अपने साथ हुए भेदभाव की शिकायत जिला प्रशासन से की, जिसके बाद दो शांति बैठकें आयोजित की गईं लेकिन वे विफल रहीं।
रविवार को दलितों ने पुलिस सुरक्षा के बीच मंदिर में प्रवेश किया। इस घटनाक्रम से नाराज ऊंची जाति के लोग ‘उत्सव मूर्ति’ को अपने साथ ले गये। उनमें से एक को यह कहते हुए सुना जा सकता था, उन्हें (दलितों को) मंदिर रखने दो, हम मूर्ति को अपने साथ ले जाएंगे।

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