सिद्धरामय्या ने कहा है कि अगर हाई कमान चाहेगा तो वे सीएम के पद पर बने रहेंगे, अन्यथा वे हाई कमान का फैसला मानेंगे। राज्य में पहले चरण के लिए मतदान से पूर्व सिद्धरामय्या पूरे जाेर शोर से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं। चुनाव की दृष्टि से यह दक्षिण का बहुत महत्वपूर्ण राज्य है। इस समय राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार है।
सिद्धरामय्या ने कहा, ऐसा हो सकता है कि इंडिया गठबंधन को चुनाव परिणाम में स्पष्ट बहुमत नहीं मिले लेकिन एनडीए को भी सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत नहीं मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस राज्य में 15 से 20 सीटें जीतने वाली है।
सिद्धरामय्या ने कहा, मेरी जानकारी के अनुसार भाजपा से जुड़ा एक सर्वे बताता है कि वो दो सौ सीटें तक क्रॉस नहीं कर पाएंगे। वो खुद के दम पर सत्ता में नहीं आ सकते। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद फिर से दल एक-दूसरे से जुड़ेंगे। ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, और साउथ की अन्य रीजनल पार्टियों के नेता साथ आएंगे और सरकार बनाएंगे।
कुमारस्वामी की नीतीश कुमार से तुलना उन्होंने कहा कि भाजपा और जनता दल -एस ने गठबंधन किया है। उन्होंने कहा कि कुमारस्वामी नीतीश कुमार जैसे हैं। नीतीश कुमार अवसरवादी नेता हैं, इसी तरह कुमारस्वामी भी हैं। भाजपा सांप्रदायिक दल है और अब जद-एस भी सांप्रदायिक बन गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि आने वाले समय में जद-एस का भाजपा में विलय हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भाजपा का नेतृत्व करने वाला कोई नेता नहीं बचा है।