बेंगलूरु. शहर के लोगों को नारियल पानी (टेंडर कोकोनट) के लिए पहले से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। खुदरा कीमतें अब 50-60 रुपए प्रति नारियल के बीच हैं। तीन से चार महीने पहले तक ये नारियल 30-35 रुपए में उपलब्ध थे। कई कारणों से कीमतों में उछाल आया है। पिछले साल की तुलना में थोक कीमतों में प्रति 1,000 नारियल पर कम-से-कम 10,000 रुपए की वृद्धि हुई है।
जानकारों के अनुसार उत्तर भारत में अधिक तापमान और कर्नाटक Karnataka में कम पैदावार के कारण कीमतों में भारी उछाल आया है। भारत में नारियल Tender Coconut के सबसे बड़े बाजार मद्दुर में पिछले तीन महीनों में औसत थोक कीमतों में 38 से 50 रुपए प्रति नारियल के बीच उतार-चढ़ाव देखा गया है। खुदरा कीमतें अधिक हैं और दावणगेरे, तुमकुरु, मंड्या, हासन और अन्य जैसे प्रमुख बाजारों से दूरी पर निर्भर करती हैं।
उत्तर भारत भेजे जाते हैं 60 फीसदी पैदावार तुमकुरु एपीएमसी यार्ड के उप निदेशक वी. राजनब के अनुसार इस वर्ष भीषण गर्मी के कारण आपूर्ति प्रभावित हुई है। किसान अपनी अपेक्षित उपज का केवल 30- 40 फीसदी काट पाए। उत्तर भारतीय राज्यों से बढ़ती मांग ने स्थानीय बाजार में कीमतों को और बढ़ा दिया है। कर्नाटक के लगभग 60 फीसदी टेंडर कोकोनट उत्तर भारत भेजे जाते हैं। जम्मू और कश्मीर और गुजरात जैसे राज्य अब आपूर्ति की मांग कर रहे हैं।
राहत की उम्मीद बागवानी विभाग के उपनिदेशक कादिरेगौड़ा ने कहा, आम धारणा है कि कीमतें और भी बढ़ सकती हैं। इसके कारण अधिकांश किसान नारियल की फसल नहीं काट रहे हैं। हालांकि, निकट भविष्य में कीमतों में राहत की कुछ उम्मीद है। इस मानसून में भरपूर बारिश के साथ, पैदावार में सुधार होने की उम्मीद है। यह बाजार को स्थिर करने और आने वाले हफ्तों में कीमतों को नीचे लाने में मदद कर सकता है।
सूखे नारियल की कीमतों में उछाल भी कारण बागवानी विभाग के अन्य अधिकारी के अनुसार बॉल कोपरा (सूखे नारियल) की उच्च कीमत ने भी टेंडर कोकोनट की आपूर्ति को प्रभावित किया है। सूखे नारियल की कीमत पिछले तीन महीनों में दोगुनी से अधिक यानी 8,000 रुपए से बढकऱ 18,000 रुपए प्रति टन हो गई है।