104 टीएमसी जल धारण क्षमता वाले बांध को हाल ही में हुई बारिश में पूरी तरह भर जाने के बाद पड़ोसी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में करीब 35 टीएमसी पानी छोडऩा पड़ा। बांध को किसी भी तरह के नुकसान से बचाने और मरम्मत कार्य शुरू करने के लिए बांध को खाली करने का फैसला लिया गया।
जल संसाधन विभाग का प्रभार संभाल रहे शिवकुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा, हमारे इंजीनियरों और वरिष्ठ अधिकारियों ने मुझे वीडियो संदेश के जरिए जानकारी दी कि पानी का प्रवाह रुक गया है। डीसीएम के अनुसार, 65,000 क्यूसेक पानी का प्रवाह था, जिसे अधिकारी संग्रहित करने का प्रयास कर रहे थे।
राज्?य सरकार ने क्षतिग्रस्त गेट को ठीक करने के लिए हैदराबाद से हाइड्रो-मैकेनिकल इंजीनियर एन कन्नैया नायडू को बुलाया था। उनके साथ, कर्नाटक सरकार ने बांध के लिए स्टील आइटम बनाने के लिए जेएसडब्ल्यू ग्रुप और दो ठेकेदार फर्मों हिंदुस्तान इंजीनियरिंग और नारायण इंजीनियरिंग की सहायता मांगी।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गेट में केवल एक जंजीर थी, जिस कारण यह घटना हुई। राज्य सरकार भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति से बचने के लिए दो जंजीरें लगाने का काम करेगी।