चिकित्सा शिक्षा विभाग के अवर सचिव जे. कुमारस्वामी ने बताया कि डॉ. लोकेश एचआइएमएस में जनरल मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में काम करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, डॉ. लोकेश जिला सर्जन का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे, इसलिए जनरल मेडिसिन विभाग के सुचारू कामकाज में मुश्किल आ रही थी। इसके अलावा, कर्मचारियों, कर्नाटक राज्य महिला आयोग और अन्य लोगों ने उनके खिलाफ शिकायतें की थीं। इस पृष्ठभूमि में उन्हें तत्काल प्रभाव से जिला सर्जन के पद से मुक्त कर दिया गया है।
डॉ. लोकेश को गत वर्ष दिसंबर में जिला सर्जन का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। हालांकि, जनवरी 2022 में एक हाउस सर्जन का यौन उत्पीडऩ करने के आरोपों के बाद उन्हें पहले निलंबित कर दिया गया था। अगस्त 2022 में उन्हें बहाल कर दिया गया, क्योंकि शिकायतकर्ता आरोपों की जांच के लिए गठित जांच पैनल के सामने पेश नहीं हुआ था।
जिला सर्जन के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, उन्होंने कथित तौर पर कई मौकों पर महिला कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया।हासन में एक निजी संगठन अनन्या ट्रस्ट ने अस्पताल में महिला कर्मचारियों के बयानों का हवाला देते हुए मई 2024 में मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों से उनके खिलाफ शिकायत की। शिकायत के आधार पर, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जांच करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए तीन लोगों का एक पैनल गठित किया। समिति ने सितंबर 2024 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। विभाग के सूत्रों के अनुसार, समिति ने उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की। हालांकि, रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के महीनों बाद भी, वह पद पर बने रहे।