उन्होंने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मीडिया से कहा, सिर्फ जिले का नाम बदलेगा, बाकी सब वही रहेगा। यह निर्णय मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इस महीने की शुरुआत में, उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को रामनगर जिले का नाम बदलकर बेंगलूरु दक्षिण करने का प्रस्ताव सौंपा था। रामनगर जिले में पाँच तालुक हैं – रामनगर, चन्नपट्टण, मागड़ी, कनकपुरा और हारोहल्ली। शिवकुमार ने ज्ञापन में कहा कि रामनगर का नाम बदलकर बेंगलूरु दक्षिण जिला करने से तालुकों को बेंगलूरु की अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा का लाभ मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने किया विरोध
वहीं, केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद प्रह्लाद जोशी ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे साबित हो गया है कि कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की सरकार राम विरोधी है। उन्होंने प्रस्ताव को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यदि कर्नाटक सरकार प्रस्ताव वापस नहीं लेती है तो भाजपा इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी। जोशी ने कहा, इससे पता चलता है कि उन्हें राम और राम मंदिर से एलर्जी है, यहां तक कि राम के नाम से भी उन्हें काफी एलर्जी है। जब हम राम मंदिर बना रहे थे, तब भी वे ऐसा ही करते थे, लेकिन रामनगर का नाम बदलने के फैसले से कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस सरकार ने साबित कर दिया है कि वे राम के खिलाफ हैं।