मुजराई विभाग के मंत्री रामलिंग रेड्डी ने कहा, तहसीलदार ने बताया कि 2013-14 से 2016-17 तक, पुजारियों के लिए 24,000 रुपये का वार्षिक खर्च निर्धारित किया गया था, लेकिन प्रति वर्ष 90,000 रुपये की गलत राशि वितरित की गई थी। इसी तरह, 2017-18 से 2021-22 तक, निर्धारित 48,000 रुपये प्रति वर्ष को गलती से बढ़ाकर 90,000 रुपये कर दिया गया।
रेड्डी ने कहा, चिक्कमगलुरु तहसीलदार ने 2 दिसंबर 2023 को एक पत्र जारी किया, जिसमें मंदिर निधि में कुल 4,74,000 रुपये की अतिरिक्त राशि वापस करने का अनुरोध किया गया। इस अवधि के दौरान गलत भुगतान के लिए जिम्मेदार सरकारी अधिकारियों को नोटिस दिया गया है।