इस बीच मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को सत्र के लिए अभी से तैयारी शुरू करने की हिदायत दी है। मुख्यमंत्री ने अपने कैबिनेट सहयोगियों से कहा कि वे अगले महीने बेलगावी में होने वाले राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले और उसके दौरान विपक्षी दलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें। दरअसल, शीतकालीन अधिवेशन का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब, सत्तारूढ़ कांग्रेस कई मुद्दों पर घिरी हुई है। खासकर वक्फ बोर्ड विवाद, गारंटी योजनाओं के प्रति कांग्रेस सरकार की प्रतिबद्धता को लेकर पैदा हुआ भ्रम, कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों और भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप को लेकर सदन में गरमा-गरम बहस हो सकती है। इसके अलावा मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा), वाल्मीकि कॉरपोरेशन आदि के कथित घोटालों पर भी सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने होगा। पिछले विधानमंडल सत्र के दौरान सरकार ने मुडा मामले पर चर्चा से इनकार कर दिया था जिसके बाद मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने विधानसभा में दिन-रात का धरना भी दिया था।
कांग्रेस के एक कैबिनेट मंत्री ने कहा कि, मुख्यमंत्री ने सत्र के दौरान विपक्ष का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार होने को कहा। खासकर वक्फ बोर्ड विवाद का उल्लेख करते हुए उन्होंने हिदायत दी है कि, पूरी तैयारी के साथ ही सदन में आएं। मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर कैबिनेट मंत्रियों से यह भी कहा है कि, भाजपा शासनकाल के दौरान किए गए कुछ विवादास्पद फैसलों की जानकारी जुटाएं। इस बीच कांग्रेस विपक्ष से निपटने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान उपकरणों (पीपीई किट) और दवाओं की खरीद में कथित घोटाले को एक प्रमुख हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकती है। राज्य सरकार के मंत्री ने कहा कि, घोटाले पर एसआइटी बनाने का फैसला पहले ही कर लिया गया है। कैबिनेट ने एसआइटी के प्रमुख की नियुक्ति पर चर्चा की और इसकी जिम्मेदारी गृह मंत्री को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या चाहते हैं कि, सत्र के दौरान कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा के हमले को कुंद करने के लिए कोविड घोटाले को एक प्रभावी हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा की ओर से विधायकों को बहकाने के कथित प्रयासों की रिपोर्टों पर भी बात की। मंत्री ने कहा कि, सभी विधायकों को विश्वास में रखने और उनपर नजर रखने के लिए कहा गया है। ताकि, अगर इस तरह के कोई प्रयास होते हैं तो तुरंत उसे मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जा सके। बैठक में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, गृहमंत्री जी.परमेश्वर, एचसी महादेवप्पा, दिनेश गुंडूराव, केएच मुनियप्पा, केएन राजन्ना और प्रियांक खरगे मौजूद थे।