वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने शनिवार को कहा कि वह इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश करेंगे। खंड्रे के कार्यालय ने एक बयान में कहा, पिछले साल तीन दिवसीय आयोजन की लागत 6.33 करोड़ रुपए थी। इसमें से 3 करोड़ रुपए प्राप्त हो चुके थे और 3.33 करोड़ रुपए अभी भी एनटीसीए पर बकाया हैं।
मंत्री ने कहा कि स्टार होटल में ठहरने का खर्च लगभग 80 लाख रुपये है। जब यह कार्यक्रम अप्रैल 2023 में आयोजित किया गया था, तब विधानसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू थी। इसलिए राज्य सरकार इसमें शामिल नहीं थी। न ही राज्य प्रतीक का उपयोग किया गया था। यह एक पूर्ण राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) का कार्यक्रम था।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की राज्य यात्रा के मद्देनजर आतिथ्य का प्रबंधन करने के लिए स्थानीय स्तर पर गठित समिति में वन विभाग के अधिकारी शामिल थे। उन्होंने बताया कि एनटीसीए ने वास्तव में कहा था कि वे कार्यक्रम की पूरी लागत वहन करेंगे।
खंड्रे ने कहा, एनटीसीए ने इस राशि (होटल की लागत) का भुगतान नहीं किया है, जबकि हमारे विभाग के अधिकारियों ने कई पत्र लिखे हैं और फोन पर इस बारे में बात की है। अब मामला मेरे ध्यान में आया है। मैं इसे सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने की कोशिश करूंगा।