बैंगलोर

हेसरघट्टा घास मैदान को संरक्षित रिजर्व घोषित करने पर बैठक आज

– हाई कोर्ट ने पलट दिया था बोर्ड का फैसला

बैंगलोरSep 05, 2022 / 06:03 pm

Nikhil Kumar

हेसरघट्टा घास मैदान को संरक्षित रिजर्व घोषित करने पर बैठक आज

बेंगलूरु. Karnataka State Wildlife Board की सोमवार को होने वाली बहुप्रतीक्षित बैठक में ग्रेटर Hesaraghatta Grass Land को संरक्षित रिजर्व घोषित करने के मुद्दे पर बहस होगी। हाई कोर्ट के आदेश पर इस बैठक का आयोजन किया गया है।

इससे पहले कर्नाटक उच्च न्यायालय ने वन्यजीव बोर्ड को 5,010 एकड़ घास के मैदान को संरक्षित रिजर्व घोषित करने के प्रस्ताव पर एक बार फिर विचार करने का निर्देश दिया था। बोर्ड ने जनवरी 2021 में इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, जिसे पर्यावरणविदों ने चुनौती दी थी। 29 जुलाई को अदालत ने बोर्ड के आदेश को खारिज करते हुए मामले पर दोबारा विचार करने का निर्देश दिया था।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायाधीश एस विश्वजीत शेट्टी की खंडपीठ उन पर्यावरणविदों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिन्होंने 19 जनवरी 2021 को कर्नाटक राज्य वन्यजीव बोर्ड के लिए गए निर्णय को रद्द करने की मांग की थी।

Former Cricketer Anil Kumble ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि ग्रेटर हेसरघट्टा को संरक्षित रिजर्व घोषित करने के मुद्दे पर राज्य वन्यजीव बोर्ड कल बैठक करेगा। बोर्ड का निर्णय आने वाली पीढिय़ों के लिए हमारे शहर की जल सुरक्षा को प्रभावित करेगा। आइए इसे संरक्षित करें।

नियमों के विपरीत किया था निर्णय
बोर्ड ने जनवरी 2021 में हेसरघट्टा में 5,010 एकड़ घास के मैदानों को Protected Reserve घोषित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। अदालत ने बोर्ड के उस आदेश को खारिज करते हुए कहा कि बोर्ड ने (वन्य जीवन संरक्षित) अधिनियम की धारा 36 ए में निर्धारित प्रासंगिक मानदंडों को विज्ञापित किए बिना गुप्त व लापरवाह तरीके से आदेश पारित किया है।

एक वन्यजीव कार्यकर्ता विजय निशांत ने बोर्ड के बिना बहस प्रस्ताव खारिज करने संबंधी फैसले पर सवाल उठाते हुए अदालत में याचिका दायर की थी। अदालत ने सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि पिछले साल हेसरघट्टा घास के मैदानों की स्थिति में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ हो।
राज्य वन्यजीव बोर्ड के सदस्य सिद्धार्थ गोयनका ने इस साल की शुरुआत में अनुरोध किया था कि वन मंत्री उमेश कत्ती यह मामला चर्चा के लिए वन्यजीव बोर्ड को लौटा दें।

निर्णय को दी गई थी चुनौती
यलहंका विधायक एसआर विश्वनाथ के विरोध पर तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने 19 जनवरी 2021 को बोर्ड की एक बैठक में क्षेत्र को एक संरक्षित रिजर्व नामित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। बोर्ड का सदस्य नहीं होने के बावजूद विश्वनाथ ने बैठक में भाग लिया और येडियूरप्पा को बताया कि हेसरघट्टा घास के मैदानों को रिजर्व के रूप में नामित करने से स्थानीय किसानों पर प्रभाव पड़ेगा।

सिद्धरामय्या के मुख्यमंत्री रहते राज्य सरकार ने Mysuru में एक फिल्म सिटी स्थापित करने का निर्णय किया था। इसके बाद जद-एस और सरकार ने Film City को Ramnagar स्थानांतरित करने का फैसला किया, जो इसी क्षेत्र के अंदर है। पारिस्थितिकीविदों ने इस विचार का जमकर विरोध किया। उनका दावा था कि घास के मैदान लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए प्रजनन स्थल बन गए हैं।

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