सभी की नजरें कोरटगेरे और सिरा क्षेत्र पर टिकी हैं, जहां से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर और मंत्री टीबी जयचंद्रा की साख दांव पर है। कोरटगेरे में पिछली बार जद (ध) के सुधाकर लाल पीआर ने परमेश्वर को हराया था। कांग्रेस के बड़े चेहरे के साथ ही परमेश्वर को उम्मीद है कि सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं उनके पक्ष में जाएंगी, जबकि लाल का मानना है कि उनका साधारण होना ही लाभकारी होगा।
वहीं सिरा से १९७८ में जीत कर पहली बार विधानसभा पहुंचे कांग्रेस प्रत्याशी टीबी जयचंद्रा पक्षपात के आरोपों और क्षेत्र में सत्ता विरोध की स्थितियों से जूझ रहे हैं। जद(ध) के सत्यनारायण से उन्हें कड़ी टक्कर मिल रही है, इसके अलावा जद (ध) छोडक़र भाजपा से प्रत्याशी बने एसआर गौड़रू ने मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।
अन्य सीटों पर भाजपा और कांग्रेस द्वारा अंतिम क्षणों में प्रत्याशी बदलना जद (ध) के लिए फायदेमंद हो सकता है। चिक्कनायकनहल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी के लिए क्षेत्र में जमीनी स्तर पर काम करने वाले एस सतीश के बजाय जयंद्रा के बेटे संतोष जयचंद्रा को टिकट दिए जाने से नाखुश हैं। यही परेशानी से भाजपा को जेसी मधुस्वामी के लिए दो चार होना पड़ रहा है। यहां पार्टी कार्यकर्ता पूर्व विधायक केएस किरण कुमार के लिए उम्मीदवारी की मांग कर रहे थे।
तिपटूर में कांग्रेस ने बी नंजामारी को पहली सूची उम्मीदवार घोषित करने के बावजूद दूसरी सूची में उनके स्थान पर के षडाक्षरी को टिकट थमा दिया। जिसके बाद बी नंजामारी ने बगावत कर दी और अब निर्दलीय मैदान में हैं। पावगडा में भाजपा के प्रत्याशी जीवी बलराम के चयन को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में ही खुशी नहीं है। तुमकूरु शहर में वरिष्ठ भाजपा नेता सोगडु शिवण्णा ने प्रचार से खुद को दूर कर रखा है, क्योंकि पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया है।