यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महाराष्ट्र के अकोला में एक चुनावी रैली में की गई टिप्पणी के बाद चर्चा में आया है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर कर्नाटक में शराब दुकान मालिकों से 700 करोड़ रुपए वसूलने और उसे महाराष्ट्र और झारखंड जैसे चुनावी राज्यों में भेजने का आरोप लगाया था।
कर्नाटक वाइन मर्चेंट्स एसोसिएशन के सचिव गोविंदराज हेगड़े ने कहा, हमने सरकार से सिर्फ हमारे मुद्दों को हल करने की अपील की थी, जिसमें आबकारी विभाग को वित्त विभाग के अधीन लाने का हमारा अनुरोध और मौजूदा आबकारी मंत्री के साथ हमारी चिंताएं शामिल हैं। हमारी ओर से चुनाव के लिए पैसे देने या फंडिंग करने का सवाल ही कहां उठता है? यह गलत और बेतुका है।
हेगड़े ने कहा कि शराब व्यापारी सिर्फ 10 प्रतिशत लाभ कमाते हैं और राज्य के लिए राजस्व जुटाने में मदद के लिए कम से कम 20 प्रतिशत मार्जिन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत को राजनीतिक मुद्दा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाना अनुचित है।
पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे कांग्रेस शासित राज्यों पर पार्टी के शाही परिवार के लिए एटीएम के रूप में काम करने का आरोप लगाया और कहा था कि चुनाव के नाम पर कांग्रेस ने कर्नाटक और तेलंगाना में अपनी वसूली दोगुनी कर दी है।