शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि इससे लोगों के मौलिक अधिकारों का कोई उल्लंघन नहीं हो रहा। राज्य सरकार ने केवल उन लोगों को प्रवेश की अनुमति दी है जिनके पास आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट है। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि कोविड अभी समाप्त नहीं हुआ है और जो शर्तें लगाई गई हैं वो अनुचित नहीं हैं। ये व्यापक जनहित में लागू की गई हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि इसके अलावा केरल से कर्नाटक की जनता की आवाजाही पर कोई पाबंदी नहीं है। पीठ ने कहा कि राज्य सरकार ने 31 जुलाई 2021 को एक संशोधित परिपत्र जारी करके पहले की पाबंदियों में राहत दी है। उसने कहा कि यात्रा की तारीख से 15 दिन के भीतर आरटी-पीसीआर जांच की अनिवार्यता में ढील दी गयी है। इस संदर्भ में केरल उच्च न्यायालय के 28 सितंबर के आदेश के खिलाफ मंजेश्वर विधान सभा क्षेत्र के विधायक ए के एम अशरफ की ने एक विशेष अनुमति याचिका दायर की थी।