विधानसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए होसदुर्गा के विधायक गुलिहट्टी डी.शेखर ने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर जबरन धर्मांतरण हो रहा है। यहां तक की उनकी मां भी प्रलोभन के कारण ईसाई बन गई हैं। उन्होंने कहा ‘मेरी मां का धर्म परिवर्तन कराकर एक ईसाई बना दिया गया। माथे पर सिंदूर नहीं डालने, मूर्ति पूजा आदि त्यागने के लिए उनका ब्रेनवॉश किया गया। यहां तक की उनकी फोन की रिंगटोन में भी ईसाई संगीत बजता है। इससे परिवार बहुत शर्मिंदा हुआ है।’
उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में धर्मांतरण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लगभग 15 से 20 हजार लोग ईसाई धर्म स्वीकार कर चुके हैं। अंधविश्वास रोधी कानून आने से पहले ग्रामीण इलाकों में हिंदू बीमारियों के इलाज के लिए ग्राम देवता के मंदिर जाते थे जो अब बंद है। लेकिन, ईसाई मिशनरी इलाज कराने सहित अन्य कई तरह के प्रलोभन दे रहे हैं। दलित, पिछड़ा वर्ग और यहां तक की मुस्लिम समुदाय का भी धर्मांतरण किया जा रहा है। उन्हें इससे कोई एतराज नहीं है। हर कोई अपनी पसंद के हिसाब से धर्म स्वीकार करने के लिए स्वतंत्र है। लेकिन, अगर कोई ईसाई धर्म अपनाता है, तो उसे अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लाभ से वंचित कर देना चाहिए।
यूपी जैसे कानून की जरूरत: बोपय्या
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपय्या ने कहा कि राज्य भर में धर्म परिवर्तन एक गंभीर समस्या है। खासकर एससी/एसटी कॉलोनियों में यह अधिक है। इसलिए धर्म परिवर्तन के खिलाफ राज्य में भी उत्तर प्रदेश जैसे कानून की जरूरत है। जद-एस विधायक देवानंद फूलसिंह चव्हाण ने कहा कि विजयपुर में बंजारा समुदाय के 3.5 लाख लोग रहते हैं। मिशनरीजी वहां आ रही है और धर्म परिवर्तित किया जा रहा है, जिससे समुदाय का विभाजन हो रहा है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केजी बोपय्या ने कहा कि राज्य भर में धर्म परिवर्तन एक गंभीर समस्या है। खासकर एससी/एसटी कॉलोनियों में यह अधिक है। इसलिए धर्म परिवर्तन के खिलाफ राज्य में भी उत्तर प्रदेश जैसे कानून की जरूरत है। जद-एस विधायक देवानंद फूलसिंह चव्हाण ने कहा कि विजयपुर में बंजारा समुदाय के 3.5 लाख लोग रहते हैं। मिशनरीजी वहां आ रही है और धर्म परिवर्तित किया जा रहा है, जिससे समुदाय का विभाजन हो रहा है।
सरकार कर रही है विचार: ज्ञानेंद्र
अपने जवाब में, ज्ञानेंद्र ने कहा कि सरकार धर्म परिवर्तन की इन घटनाओं से अवगत है। लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तित कराना एक दंडनीय अपराध है। न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश में इसका एक व्यापक नेटवर्क है। उन्होंने कहा ‘क्या हमें कोई विधेयक पेश करना चाहिए या कुछ और करना चाहिए? हम इस पर चर्चा कर रहे हैं कि इसे कैसे रोका जाए।Ó उन्होंने कहा कि धर्मांतरण एक खास समुदाय की संख्या बढ़ाने के लिए होता है। किसी व्यक्ति के लिए स्वेच्छा से धर्म अपनाना एक सामान्य बात है। लेकिन, बीमारी के इलाज की पेशकश करके या अन्य तरीकों से धर्म का दुरुपयोग करना सही नहीं है। इससे सांप्रदायिक विद्वेष भी पैदा हो सकता है।
अपने जवाब में, ज्ञानेंद्र ने कहा कि सरकार धर्म परिवर्तन की इन घटनाओं से अवगत है। लोगों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तित कराना एक दंडनीय अपराध है। न केवल राज्य में, बल्कि पूरे देश में इसका एक व्यापक नेटवर्क है। उन्होंने कहा ‘क्या हमें कोई विधेयक पेश करना चाहिए या कुछ और करना चाहिए? हम इस पर चर्चा कर रहे हैं कि इसे कैसे रोका जाए।Ó उन्होंने कहा कि धर्मांतरण एक खास समुदाय की संख्या बढ़ाने के लिए होता है। किसी व्यक्ति के लिए स्वेच्छा से धर्म अपनाना एक सामान्य बात है। लेकिन, बीमारी के इलाज की पेशकश करके या अन्य तरीकों से धर्म का दुरुपयोग करना सही नहीं है। इससे सांप्रदायिक विद्वेष भी पैदा हो सकता है।
कानून लाए सरकार: कागेरी
विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने सरकार से आग्रह किया कि इसपर एक कानून लाने पर विचार करे। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में यह कानून बन चुका है।
विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने सरकार से आग्रह किया कि इसपर एक कानून लाने पर विचार करे। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में यह कानून बन चुका है।