मंगलवार को पालिका मुख्यालय में विज्ञापन के उप नियम, नाम पटल में 60 फीसदी कन्नड़ भाषा को जगह देने के विषय पर बैठक में महापौर एम. गौतम कुमार ने कहा कि जिन व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने 31 दिसंबर 2019 तक नाम पटल में कन्नड़ भाषा के प्रयोग संबंधी नियमों का पालन नहीं किया, उनके व्यापार लाइसेंस 1 जनवरी 2020 से रद्द करने की कार्रवाई होगी। (BBMP rules for Sign Board)
महापौर ने बताया कि कन्नड़ भाषा में बोर्ड नहीं लगाने पर 27 हजार व्यापारिक प्रतिष्ठानों को नोटिस दिया गया है।
इससे पहले पालिका ने 1 नवंबर 2019 से सभी नाम पटल पर 60 फीसदी हिस्से में कन्नड़ भाषा का प्रयोग करने का आदेश जारी किया था, इसके बाद यह समय सीमा 30 नवंबर और फिर 15 दिसंबर हुई। अब इसे 31 दिसंबर किया गया है।
इससे पहले पालिका ने 1 नवंबर 2019 से सभी नाम पटल पर 60 फीसदी हिस्से में कन्नड़ भाषा का प्रयोग करने का आदेश जारी किया था, इसके बाद यह समय सीमा 30 नवंबर और फिर 15 दिसंबर हुई। अब इसे 31 दिसंबर किया गया है।
होर्डिंग स्ट्रक्चर हटाने का अभियान
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने होर्डिंग स्ट्रक्चर हटाने का आदेश दिया है। सभी क्षेत्रों के संयुक्त आयुक्तों को आदेश की अनुपालना के लिए कहा गया है।
इसके लिए पुलिस की भी मदद ली जाएगी। पालिका के अंतर्गत होर्डिंग्स, पोस्टर, फ्लैक्स, पेड़ों पर लगे बैनर और दीवारों पर लगे पोस्टर हटाने का अभियान शुरू होगा। कुछ होर्डिंग्स मालिकों ने उच्च न्यायालय से स्थगनादेश प्राप्त किया है, इसे निरस्त करवाने के प्रयास जारी हैं।
बैठक में सत्तारूढ़ दल के नता मुनीन्द्र कुमार, पालिका में नेता प्रतिपक्ष अब्दुल वाजिद, जनता दल-एस की नेता नेत्रा नारायण, कानून विभाग के प्रमुख देशपांडे, वित्त विभाग के संयुक्त आयुक्त वेंकटेश और कई वरिष्ठ अधिकारी
उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने होर्डिंग स्ट्रक्चर हटाने का आदेश दिया है। सभी क्षेत्रों के संयुक्त आयुक्तों को आदेश की अनुपालना के लिए कहा गया है।
इसके लिए पुलिस की भी मदद ली जाएगी। पालिका के अंतर्गत होर्डिंग्स, पोस्टर, फ्लैक्स, पेड़ों पर लगे बैनर और दीवारों पर लगे पोस्टर हटाने का अभियान शुरू होगा। कुछ होर्डिंग्स मालिकों ने उच्च न्यायालय से स्थगनादेश प्राप्त किया है, इसे निरस्त करवाने के प्रयास जारी हैं।
बैठक में सत्तारूढ़ दल के नता मुनीन्द्र कुमार, पालिका में नेता प्रतिपक्ष अब्दुल वाजिद, जनता दल-एस की नेता नेत्रा नारायण, कानून विभाग के प्रमुख देशपांडे, वित्त विभाग के संयुक्त आयुक्त वेंकटेश और कई वरिष्ठ अधिकारी
उपस्थित थे।
काम के मामले में उपदेश नहीं दे केएफसीसीआई
फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एफकेसीसीआई) की ओर से पालिका को पत्र लिखकर पहले व्यापारियों की समस्याएं हल करने और फिर नामपटल का नियम लागू करने के सुझाव पर महापौर ने मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कैसे काम करना है और अधिकारियों से कैसे काम लेना है, इस पर किसी से उपदेश लेने की आवश्यकता नहीं है। उपदेश देने वाले अपने काम की जिम्मेदारी अच्छे से निभाएं तो बेहतर रहेगा। अगर एफकेसीसीआई ने पालिका पर कोई आरोप लगाया तो सख्त जवाब मिलेगा। वे संगठन के किसी कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे।
फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एफकेसीसीआई) की ओर से पालिका को पत्र लिखकर पहले व्यापारियों की समस्याएं हल करने और फिर नामपटल का नियम लागू करने के सुझाव पर महापौर ने मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कैसे काम करना है और अधिकारियों से कैसे काम लेना है, इस पर किसी से उपदेश लेने की आवश्यकता नहीं है। उपदेश देने वाले अपने काम की जिम्मेदारी अच्छे से निभाएं तो बेहतर रहेगा। अगर एफकेसीसीआई ने पालिका पर कोई आरोप लगाया तो सख्त जवाब मिलेगा। वे संगठन के किसी कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे।