बैंगलोर

कन्नड़ कवि और संस्कृत विद्वान गोविंदाचार्य का निधन

प्रधानमंत्री ने जताया दु:ख

बैंगलोरDec 13, 2020 / 06:35 pm

Santosh kumar Pandey

बेंगलूरु. कर्नाटक के प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान और कन्नड़ कवि बन्नंजय गोविंदाचार्य का 84 वर्ष की आयु में रविवार को उडुपी में निधन हो गया।
बताया जाता है कि गोविंदाचार्य का निधन उडुपी के अंबालापडी में उनके घर पर उम्र से संबंधित बीमारियों के कारण हुआ।
प्रधानमंत्री ने उनके परिवार के प्रति संवेदना जताई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोविंदाचार्य के निधन पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें साहित्य में उनके महान योगदान के लिए याद किया जाएगा। संस्कृत और कन्नड़ के प्रति उनका जुनून सराहनीय था। प्रधानमंत्री ने उनके परिवार के प्रति संवेदना जताई।
उनके निधन पर शोक जताते हुए मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने ट्वीट किया कि वेद और पुराण पर उनके कार्य और प्रवचन धार्मिक चेतना को जागृत कर रहे थे। उन्होंने कई संस्कृत और कन्नड़ ग्रंथ लिखे थे। मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।
उपनिषद भाष्य, महाकाव्य महाभारत, रामायण और पुराणों में पारंगत

वर्ष 1936 में जन्मे गोविंदाचार्य वेद भाष्य, उपनिषद भाष्य, महाकाव्य महाभारत, रामायण और पुराणों में पारंगत थे।

अपने लंबे करियर के दौरान गोविंदाचार्य ने वेद सूक्तों, शत रुद्रियों, ब्रह्मसूत्र भाष्य और गीता पर भाष्य लिखे। गोविंदाचार्य एक महान वक्ता भी थे और उन्होंने प्राचीन संस्कृत दार्शनिक पाणिनि द्वारा लिखित नए व्याकरण सूत्र पर लिखा था।

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