इसरो अध्यक्ष एस.सोमनाथ ने कहा कि, श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी सी-60 का प्रक्षेपण शानदार रहा जिससे स्पेडेक्स मिशन लांच किया गया। यह श्रीहरिकोटा से 99 वां लांच था। अब, दूसरे लांच पैड पर जीएसएलवी मार्क-2 के प्रक्षेपण की तैयारियां चल रही हैं। इससे नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 का प्रक्षेपण किया जाएगा। यह मिशन इसरो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और यादगार होगा क्योंकि, साल की शुरुआत श्रीहरिकोटा से 100 वें लांच के साथ होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि, वर्ष 2025 में कई मिशन लांच किए जाएंगे। लेकिन, शुरुआत जनवरी महीने में जीएसएलवी (एफ-15) /एनवीएस-02 मिशन के साथ होगी।
45 साल बाद आया अवसर
दरअसल, यह अवसर करीब 45 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद आया है जब, श्रीहरिकोटा से 100 वां मिशन होगा। इसरो ने 10 अगस्त 1979 को श्रीहरिकोटा से पहला प्रक्षेपण किया था। वह, एसएलवी ई-01 प्रक्षेपणयान मिशन था जिसके निदेशक पूर्व राष्ट्रपति और जाने-माने वैज्ञानिक एपीजी अब्दुल कलाम थे। वे एसएलवी के शुरुआती दो मिशनों के निदेशक रहे। शुरुआत में श्रीहरिकोटा से एसएलवी और एएसएलवी के 4-4 मिशन लांच किए गए। उसके बाद पीएसएलवी, जीएसएलवी मार्क-2 और जीएसएलवी मार्क-3 (अब एलवीएम-3) जैसे प्रक्षेपणयानों का विकास हुआ और श्रीहरिकोटा से लांच किए गए।
दरअसल, यह अवसर करीब 45 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद आया है जब, श्रीहरिकोटा से 100 वां मिशन होगा। इसरो ने 10 अगस्त 1979 को श्रीहरिकोटा से पहला प्रक्षेपण किया था। वह, एसएलवी ई-01 प्रक्षेपणयान मिशन था जिसके निदेशक पूर्व राष्ट्रपति और जाने-माने वैज्ञानिक एपीजी अब्दुल कलाम थे। वे एसएलवी के शुरुआती दो मिशनों के निदेशक रहे। शुरुआत में श्रीहरिकोटा से एसएलवी और एएसएलवी के 4-4 मिशन लांच किए गए। उसके बाद पीएसएलवी, जीएसएलवी मार्क-2 और जीएसएलवी मार्क-3 (अब एलवीएम-3) जैसे प्रक्षेपणयानों का विकास हुआ और श्रीहरिकोटा से लांच किए गए।
पीएसएलवी के 62, जीएसएलवी के 17 मिशन
इसरो ने अभी तक श्रीहरिकोटा के दोनों लांच पैड से 99 मिशन लांच किए हैं। इनमें सबसे अधिक पीएसएलवी के मिशन लांच हुए। पीएसएलवी के अभी तक 62 मिशन लांच किए जा चुके हैं। इसके बाद जीएसएलवी (मार्क-2) के 17 मिशन लांच हुए हैं। अत्याधुनिक व सबसे भारी प्रक्षेपणयान एलवीएम-3 के 4 प्रक्षेपण अभी तक किए गए हैं। एसएलवी और एएसएलवी के भी 4-4 मिशन लांच किए गए हैं। हाल ही में विकसित लघु उपग्रह प्रक्षेपणयान एसएसएलवी के 3 मिशन जबकि, जीएसएलवी मार्क-3 के 2 मिशन लांच किए गए हैं। इसरो ने री-यूजेबल लॉच व्हीकल (आरएलवी) टीडी, स्क्रैमजेट इंजन परीक्षण और कू्र एस्केप सिस्टम के 1-1 मिशन भी लांच किए हैं। इन मिशनों के जरिए अब तक इसरो ने 12९ भारतीय, 432 विदेशी और 18 निजी क्षेत्र के उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया है। इसके अलावा 9 री-एंट्री और पीओईएम मिशन भी पूरे किए हैं।
इसरो ने अभी तक श्रीहरिकोटा के दोनों लांच पैड से 99 मिशन लांच किए हैं। इनमें सबसे अधिक पीएसएलवी के मिशन लांच हुए। पीएसएलवी के अभी तक 62 मिशन लांच किए जा चुके हैं। इसके बाद जीएसएलवी (मार्क-2) के 17 मिशन लांच हुए हैं। अत्याधुनिक व सबसे भारी प्रक्षेपणयान एलवीएम-3 के 4 प्रक्षेपण अभी तक किए गए हैं। एसएलवी और एएसएलवी के भी 4-4 मिशन लांच किए गए हैं। हाल ही में विकसित लघु उपग्रह प्रक्षेपणयान एसएसएलवी के 3 मिशन जबकि, जीएसएलवी मार्क-3 के 2 मिशन लांच किए गए हैं। इसरो ने री-यूजेबल लॉच व्हीकल (आरएलवी) टीडी, स्क्रैमजेट इंजन परीक्षण और कू्र एस्केप सिस्टम के 1-1 मिशन भी लांच किए हैं। इन मिशनों के जरिए अब तक इसरो ने 12९ भारतीय, 432 विदेशी और 18 निजी क्षेत्र के उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया है। इसके अलावा 9 री-एंट्री और पीओईएम मिशन भी पूरे किए हैं।
अवसर को यादगार बनाने की तैयारी
इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक 100 वें लांच मिशन को लेकर विशेष तैयारियां हो रही हैं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित करने की तैयारी है। नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 इस यादगार मिशन के तहत लांच किया जाएगा। इससे पहले मई 2023 में नेविगेशन उपग्रह एनवीएस 01 का प्रक्षेपण जीएसएलवी एफ-12 से ही किया गया था।
इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक 100 वें लांच मिशन को लेकर विशेष तैयारियां हो रही हैं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रित करने की तैयारी है। नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 इस यादगार मिशन के तहत लांच किया जाएगा। इससे पहले मई 2023 में नेविगेशन उपग्रह एनवीएस 01 का प्रक्षेपण जीएसएलवी एफ-12 से ही किया गया था।