यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के सूर्य मिशन प्रोब-3 का प्रक्षेपण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने विश्वसनीय धु्रवीय उपग्रह प्रक्षेपणयान (पीएसएलवी एक्सएल) से करेगा। यह मिशन 29 नवम्बर को लांच होने की उम्मीद है। इसरो अधिकारियों के मुताबिक ईएसए के इस सूर्य मिशन में अत्यंत उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हुआ है। अक्टूबर महीने के अंत तक उपग्रह के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंच जाने की उम्मीद है। प्रोब-3 सूर्य के अति तप्त कॅरोना का अध्ययन करेगा। इसमें एक जोड़े यानी दो उपग्रह हैं। प्रयोग के दौरान एक उपग्रह दूसरे के लिए ग्रहण जैसी परिस्थितियां पैदा करेगा। इससे कृत्रिम रूप से सूर्य कॅरोना का निर्माण होगा और लंबे समय तक उसका अध्ययन करने का मौका मिलेगा। दोनों उपग्रह एक यूनिट के रूप में काम करेंगे। इसे इंजीनियरिंग और इनोवेशन का अनुपम उदाहरण माना जा रहा है। श्रीहरिकोटा में गतिविधियां शुरू ईएसए के इस मिशन को प्रक्षेपित करने के लिए श्रीहरिकोटा में लांच गतिविधियां शुरू हो गई हैं। भारत का भी सूर्य मिशन आदित्य एल-1 हैलो आर्बिट में चक्कर लगा रहा है। इसरो ने इसी साल जनवरी में उसे सूर्य और पृथ्वी के बीच लग्रांज-1 पर स्थापित किया था।