बेंगलूरु. मैसूरु से दरभंगा जाने वाली बागमती एक्सप्रेस शुक्रवार रात करीब 08:30 बजे चेन्नई के पास खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। हादसे के बाद से ही इसके पीछे के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इस बीच, डाटा लॉगर वीडियो में दुर्घटना के कारण को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक ट्रेन मुख्य लाइन की जगह लूप लाइन में प्रवेश कर गई थी। मैसूरु-दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन एक्सीडेंट को लेकर जो शुरुआती जानकारी सामने आ रही है, उसके अनुसार यह बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट जैसा ही हादसा प्रतीत होता है। बागमती एक्सप्रेस ने चेन्नई के पास लूप लाइन में खड़ी एक मालगाड़ी के पीछे से टक्कर मार दी थी। इस दुर्घटना में इंजन से तीसरे कोच (द्वितीय वातानुकूलित) में सवार सात यात्री घायल हुए थे। इनमें से तीन को उपचार के लिए भर्ती कराया था जबकि चार का प्राथमिक उपचार कराया गया। क्या है डाटा लॉगर
डाटा-लॉगर वीडियो के अनुसार मैसूरु-दरभंगा एक्सप्रेस ट्रेन को मुख्य लाइन से गुजरने के लिए हरी झंडी दी गई थी, लेकिन यह लूप लाइन में प्रवेश कर गई, जिसमें पहले से मालगाड़ी खड़ी थी। डाटा लॉगर एक ऐसा उपकरण है, जिसे स्टेशन क्षेत्र में ट्रेन की गतिविधियों और सिग्नल पहलुओं को कैप्चर करने के लिए लगाया जाता है। सूत्रों के मुताबिक इस दुर्घटना और 2 जून 2023 को बालासोर ट्रेन हादसे के बीच कई समानताएं देखने को मिल रही हैं।
मुख्य लाइन की जगह लूप लाइन में गई ट्रेनशुक्रवार देर रात जारी बयान में रेलवे बोर्ड ने यह भी स्वीकार किया कि यात्री ट्रेन को मुख्य लाइन के लिए हरी झंडी दी गई थी, लेकिन उसे झटका लगा और वह लूप लाइन में घुस गई, जिसके परिणामस्वरूप मालगाड़ी से टकरा गई। घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।बालासोर हादसे से समानता
गत वर्ष जून में बालासोर में भी हावड़ा जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस को मुख्य लाइन के लिए हरी झंडी दी गई थी, लेकिन, पटरियों के गलत इंटरलॉकिंग के कारण वह एक लूप लाइन में चली गई और खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। दक्षिण रेलवे के ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (एआईएलआरएसए) के अध्यक्ष आर. कुमारसन ने कहा, सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी के आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि यह टक्कर 2 जून, 2023 को बालासोर ट्रेन हादसे की पुनरावृत्ति जैसी है। रेलवे को सिग्नलिंग सिस्टम में विसंगतियों को दूर करने के लिए गंभीर दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
तकनीकी खराबी के कारण हुआ हादसासुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम में सिग्नल पटरियों के इंटरलॉकिंग का अनुसरण करता है। इसका मतलब है कि अगर मुख्य लाइन के लिए सिग्नल हरा है तो इंटरलॉकिंग स्वचालित रूप से इस तरह से सेट हो जाएगी कि ट्रेन मुख्य लाइन पर आ जाएगी। सुरक्षा विशेषज्ञ ने कहा, सिग्नल पहलू और इंटरलॉकिंग के बीच समन्वय की कमी सिग्नलिंग सिस्टम में कुछ खराबी के कारण होती है। प्रथम दृष्टया, यह किसी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी प्रतीत होती है। ट्रेन के पॉवर कार में लग गई थी आग
दक्षिण रेलवे के अनुसार एलएचबी कोच वाली ट्रेन संख्या 12578 मैसूरु-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस को शुक्रवार रात आठ बजकर 27 मिनट पर तिरुवल्लूर जिले में पोन्नेरी स्टेशन पार करने के बाद आगे बढऩे के लिए ग्रीन सिग्नल दिया गया था, लेकिन कावरपेट्टई स्टेशन में प्रवेश करते समय ट्रेन के चालक दल को तेज झटका लगा और ट्रेन मेन लाइन में जाने के बजाय लूप लाइन में प्रवेश कर गई और वहां खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इस हादसे में ट्रेन का चालक दल सुरक्षित है और ट्रेन के पॉवर कार में आग लग गई, जिसे दमकल की गाडिय़ों ने बुझा दिया।
इन ट्रेनों का बदला मार्ग रेल दुर्घटना के बाद 10 अक्टूबर को दानापुर से रवाना हुई ट्रेन संख्या 12296 दानापुर- सर एम. विश्वेश्वरय्या टर्मिनल बेंगलूरु, पटना से 10 अक्टूबर को रवाना हुई ट्रेन संख्या 22353 पटना – सर एम. विश्वेश्वरय्या टर्मिनल बेंगलूरु व 11 अक्टूबर को जसीडीह से रवाना हुई ट्रेन संख्या 22306 जसीडीह – सर एम. विश्वेश्वरय्या बेंगलूरु को गुडूर, रेनीगुंटा और मेलपक्कम के रास्ते चलाने के लिए डायवर्ट किया गया है।