बेंगलूरु. भारत के रक्षा और एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अग्रणी फ्लाइंग वेज डिफेंस ने शुक्रवार को भारत के पहले स्वदेशी बमवर्षक मानवरहित विमान एफडब्ल्यूडी-200 बी का अनावरण किया। शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक सिटी में बैराटेना अग्रहारा स्थित व्हाइट फैदर, सैंटारा मगन पैलेस में आयोजित समारोह में पायलट रहित लड़ाकू विमान का लोकार्पण किया गया।
महंगे बमवर्षक मानवरहित विमानों के आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने और मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता से प्रेरित, कंपनी का लक्ष्य देश को सही वायु रक्षा संसाधनों से लैस करते हुए और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाते हुए भारत को वैश्विक ड्रोन विनिर्माण और प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
महंगे बमवर्षक मानवरहित विमानों के आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने और मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता से प्रेरित, कंपनी का लक्ष्य देश को सही वायु रक्षा संसाधनों से लैस करते हुए और राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाते हुए भारत को वैश्विक ड्रोन विनिर्माण और प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
इस अवसर पर फ्लाइंग वेज डिफेंस एंड एयरोस्पेस के संस्थापक सुहास तेजस्कंदा ने कहा कि “15 वर्षों से अधिक समय से महत्वपूर्ण निवेश और डीआरडीओ द्वारा तपस और रुस्तम जैसी परियोजनाओं के साथ बार-बार प्रयासों के बावजूद भारत का लड़ाकू मानव रहित विमान बनाने का सपना पूरा हुआ है।” एफडब्लयूडी-200 बी के लॉन्च के साथ भारत न केवल इस सपने को पूरा कर रहा है बल्कि उन्नत लड़ाकू विमान क्षमताओं वाले देशों की लीग में भी शामिल हो गया है।” भारत अब मानव रहित लड़ाकू विमान बनाने वाला पांचवा देश बन गया है। सब कुछ ठीक रहा तो भारत जल्द तीसरे पायदान पर भी आ सकता है। तेजस्कंदा ने पत्रिका से भेंट में कहा कि अब जब भी युद्ध होगा वह मानव रहित होगा। युद्ध होगा तो हम बंदूक नहीं निकालेंगे। ड्रोन आजकल काफी फेमस हो रहा है। ईरान, इजरायल, रूस, यूक्रेन इसके ताजा उदाहरण हैं। यदि कभी ड्रोन का हमला हुआ तो भारत भी मानव रहित एयरक्राफ्ट से मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।
उन्होंने कहा कि यूएस प्रीडेटर की कीमत 250 करोड़ रुपए है जबकि हमारे स्वदेशी एफडब्ल्यूडी-200 बी की लागत मात्र 25 करोड़ रुपए है। यह न केवल आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है बल्कि भारत को लागत प्रभावी रक्षा समाधानों में अग्रणी के रूप में स्थापित करता है। लॉन्च इवेंट के दौरान उपस्थित लोगों को फ्लाइंग वेज डिफेंस की अत्याधुनिक विनिर्माण इकाई का दौरा किया, जहां एफडब्ल्यूडी-200 बी को सावधानीपूर्वक तैयार किया गया हैै। 100 किलोग्राम की पेलोड क्षमता के साथ और एक पुरुष मानव रहित लड़ाकू हवाई वाहन (मध्यम-ऊंचाई, लंबी-धीरज) के रूप में वर्गीकृत, मानव रहित हवाई प्रणाली (यूएएस) में ऑप्टिकल निगरानी पेलोड होते हैं और सटीक हवाई हमलों के लिए मिसाइल जैसे हथियारों के साथ एकीकृत होता है। इस विमान की 300 किलोमीटर प्रतिघंटा अथवा 200 केटीएस है। यह विमान दो सौ किलो गोला बारूद लेकर 12 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है। एफडब्ल्यूडी-200 बी बेहतरीन बमवर्षक विमान न केवल देश की बाज आंख के रूप में कार्य करने का दम रखता है बल्कि ऊपर से देश के लिए ढाल बनने में भी सक्षम साबित होगा।
एफडब्ल्यूडी-200 बी में यह है विशेषता पंख का आकार 8 मीटर
विमान की लम्बाई 6 मीटर
अधिकतम वजन 498 किलो ले जाने की क्षमता
पेलोड ऑप्टिकल+हथियार
ईंधन क्षमता 100 लीटर
आकाश में उड़ान 12 से 20 घंटा
पावर प्लांट गैसोलाइन इंजन
पंख की साइज 24 गुणा 10 इंच गुणा 4
ईंधन टाइप 90 से 100 ऑक्टेन गैसोलाइन
अधिकमत गति 370 किलोमीटर प्रति घंटा
क्रूज गति 287 किलोमीटर प्रति घंटा
रेडियस ऑफ एक्शन 200 किलोमीटर
सर्विस सीलिंग 12000 फीट एएमएसएल
विमान की लम्बाई 6 मीटर
अधिकतम वजन 498 किलो ले जाने की क्षमता
पेलोड ऑप्टिकल+हथियार
ईंधन क्षमता 100 लीटर
आकाश में उड़ान 12 से 20 घंटा
पावर प्लांट गैसोलाइन इंजन
पंख की साइज 24 गुणा 10 इंच गुणा 4
ईंधन टाइप 90 से 100 ऑक्टेन गैसोलाइन
अधिकमत गति 370 किलोमीटर प्रति घंटा
क्रूज गति 287 किलोमीटर प्रति घंटा
रेडियस ऑफ एक्शन 200 किलोमीटर
सर्विस सीलिंग 12000 फीट एएमएसएल
सुहास तेजस्कंदा ने कहा कि फ्लाइंग वेज डिफेंस और एयरोस्पेस का मिशन महंगे यूएवी आयात पर भारत की निर्भरता को खत्म करना और मेक इन इंडिया पहल को आगे बढ़ाना है। भारत को एक वैश्विक मानवरहित विमान (जिसे ड्रोन भी कहा जाता है) विनिर्माण और प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में स्थापित करने और भारतीय रक्षा वायु सेना को मजबूत करने के उद्देश्य से, कंपनी ने स्वदेशी के लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) प्रकार प्रमाणन हासिल करने सहित उल्लेखनीय मील के पत्थर हासिल किए हैं।