बेंगलूरु जैन सेवा मंडल की ओर से रविवार को यहां फैडरेशन ऑफ कर्नाटका चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफकेसीसीआई) के सभागार में स्वास्थ्य ही सम्पत्ति है विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयुष्मान भव ट्रस्ट उज्जैन (मध्यप्रदेश) के संस्थापक अरुण ऋषि स्वर्गीय स्वास्थ्य ही सम्पत्ति विषय पर अपना व्याख्यान दिया।
स्वास्थ्य ही सम्पत्ति है विषयक सेमिनार
अरुण ऋषि व्याख्यान का व्याख्यान सुनने उमड़े लोग
बेंगलूरु. बेंगलूरु जैन सेवा मंडल की ओर से रविवार को यहां फैडरेशन ऑफ कर्नाटका चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफकेसीसीआई) के सभागार में स्वास्थ्य ही सम्पत्ति है विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आयुष्मान भव ट्रस्ट उज्जैन (मध्यप्रदेश) के संस्थापक अरुण ऋषि स्वर्गीय स्वास्थ्य ही सम्पत्ति विषय पर अपना व्याख्यान दिया।
इस अवसर पर अरुण ऋषि स्वर्गीय ने बताया कि दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने मानव मात्र की दिनचर्या उनका माल बेचने के हिसाब से व्यवस्थित कर दी है। सुबह उठें तो मुंह में टूथ ब्रश टूथ पेस्ट रख दिया। उसके बाद चाय-कॉफी की लत लगा दी। उसके बाद शेविंग क्रीम, साबुन, शैंपू, सौंदर्य प्रसाधन पकड़ा दिए गए। इसके बाद थम्स अप, लिम्का, कोका कोला, पान गुटका, सिगरेट दारू पिला- पिला कर उसे दवाओं के मकडज़ाल में फंसा दिया गया। उन्होंने मनुष्य की दिनचर्या इस तरह से बना दी कि हर थोड़े-थोड़े समय के पश्चात मानव मात्र उनके अप्राकृतिक साधनों को खरीदता रहे और खुद को परिवार को समाज को देश को और इस संसार को बरबाद करता रहे।
अरुण ऋषि स्वर्गीय ने प्राकृतिक संसाधनों के जरिए अपने को स्वस्थ्य व निरोगी रखने के गुर बताए। उन्होंने प्रतिदिन 15 सैकंड ताली बजाने व अपने पैरों के तलवे रगड़ कर धोने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति ने यह कर लिया वह निरोगी रह सकता है। उन्होंने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में क्लैप थैरेपी काफी कारगर है। उन्होंने कहा कि हमारो दोनों हाथों में कई पे्रशर प्वाइंट होते हैं। ताली बजाने से उन पर प्रेशर पड़ता है तो रक्त संचार बढ़ जाता है। उन्होंने घर पर ही आम दिनों में काम आने वाली सामग्री से अच्छा देसी मंजन, उबटन, व शेविंग करने के लिएक्रीम के स्थान पर एलोविरा, दूध व नारियल का तेल लगाकर दाड़ी नर्म करने की विधि भी बताई। इसके अलावा जोड़ों के दर्द, सहित अनेक बीमारियों के उपचार की विधि प्राकृतिक साधनों से बताई। उन्होंनेे प्राकृतिक वस्तुओं के उपयोग से सौन्दर्य निखारने के गुर सिखाए। उन्होंने कहा कि रयासनयुक्त सौन्दर्य प्रसाधन जहां अनेक प्रकार की बीमारियों की जननी होते हैं। वहीं रसायनयुक्त सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री त्वचा को खराब करते हैं।
इससे पूर्व बेंगलूरु जैन सेवा मंडल के उपाध्यक्ष दिलीप वेदमूथा ने अरुण ऋषि स्वर्गीय का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि वे भारत वर्ष के पहले एक मात्र व्यक्ति हैं जो 18 बार भारत की विभिन्न विधान सभाओं, विभिन्न प्रदेशों के मुख्य सचिव एवं कलक्टर्स और भारत की अधिकांश नवरत्न और अन्य कंपनियों के चेयरमैन डायरेक्टर्स को संबोधित कर चुके है। वे मूलत: एक उद्योग पति हैं। उन्होंने 27 वर्ष पूर्व 1997 में व्यवसाय से निवृत्ति लेकर उज्जैन में आयुष्यमान भव ट्रस्ट की स्थापना की। इस ट्रस्ट के माध्यम से पिछले 27 वर्षो में 27 लाख किलोमीटर की यात्रा कर 2700 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित कर चुके हैं।
इस कार्यक्रम में एफकेसीसीआई के अध्यक्ष एम.जी.बालाकृष्णा, निदेशक पहाड़ सिंह राजपुरोहित, जयंतीलाल बालर, व वसंत वेदमूथा ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन वसंत वेदमूथा ने किया। इस अवसर पर मंडल के महामंत्री प्रकाश भोजानी भी उपस्थित थे।Hindi News / Bangalore / स्वस्थ रहना है तो 15 सैकंड ताली बजाओ, रगड़ो तलवे