मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष भुण्डाराम बर्फा ने बताया कि आइमाता मंदिर के लिए भूमि एडवोकेट मंजुनाथ ने निशुल्क भेंट की थी। उन्होंने इस कार्य के लिए एडवाकेट मंजुनाथ व उनके परिवार का आभार जताया। मंदिर का निर्माण कार्य राजस्थान के वास्तुकार सुभाष व विशाल को दिया है। मंदिर का निर्माण बयाना के बंशी पहाड़ के गुलाबी पत्थर से हो रहा है। मंदिर परिसर साढ़े सात हजार वर्गफीट का है। इस मंदिर में आइमाता की मूर्ति के साथ हनुमानजी, गणेशजी, शीतलामाता, राधाकृष्ण के साथ सभी देवों की मूर्तियां रहेंगी। मंदिर निर्माण के बाद बहुउपयोगी भवन का निर्माण कराया जाएगा। इस भवन में सामाजिक कार्य हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि होसकोटे बडेर में 25 गांव के 300 परिवार जुड़े हुए हैं।
संस्था के उपाध्यक्ष चैनाराम बर्फा ने बताया कि सीरवी समाज के 18 सदस्यों से शुरू हुआ बडेर का कारवां अब विशाल रूप ले चुका है। बडेर में सौ ट्रस्टी हैं जिनका भरपूर सहयोग बडेर को मिल रहा है। बडेर की ओर से विद्यालय व अस्पताल बनाने की भी योजना है। उन्होंने बताया कि यह मंदिर दक्षिण भारत का सबसे बड़ा मंदिर होगा।
बडेर के पूर्व सहसचिव हीराराम चोयल ने बताया कि होसकोटे बडेर के तत्वावधान में निर्माणाधीन आइमाता मंदिर अपने आप में अनूठा होगा। यहां एक ही मंदिर परिसर भी सभी देवी-देवताओं के दर्शन वंदन का लाभ श्रद्धालुओं को मिल सकेगा। साथ ही बाहर गांव से मंदिर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए भी बडेर की ओर से उचित व्यवस्था करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सामुदायिक भवन मंदिर निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद बनवाया जाएगा। इस अवसर पर महिला मंडल अध्यक्ष गेरीदेवी राठौड़, सचिव केलीदेवी सेणचा, कोषाध्यक्ष कंचनदेवी पंवार, गेर मंडल अध्यक्ष भुण्डाराम चोयल के साथ पुजारी हनुमानराम काग ने भी मंदिर निर्माण के प्रति खुशी जाहिर की।
बडेर के पूर्व सहसचिव हीराराम चोयल ने बताया कि होसकोटे बडेर के तत्वावधान में निर्माणाधीन आइमाता मंदिर अपने आप में अनूठा होगा। यहां एक ही मंदिर परिसर भी सभी देवी-देवताओं के दर्शन वंदन का लाभ श्रद्धालुओं को मिल सकेगा। साथ ही बाहर गांव से मंदिर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए भी बडेर की ओर से उचित व्यवस्था करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सामुदायिक भवन मंदिर निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद बनवाया जाएगा। इस अवसर पर महिला मंडल अध्यक्ष गेरीदेवी राठौड़, सचिव केलीदेवी सेणचा, कोषाध्यक्ष कंचनदेवी पंवार, गेर मंडल अध्यक्ष भुण्डाराम चोयल के साथ पुजारी हनुमानराम काग ने भी मंदिर निर्माण के प्रति खुशी जाहिर की।