लगभग छह माह बाद हो रही जीएसटी परिषद की दो दिवसीय बैठक में मुख्यमंत्री दोनों दिन वहां सुबह 11 बजे से मौजूद रहेंगे। उनके साथ प्रमुख सचिव एन. मंजुनाथ प्रसाद, वाणिज्य कर आयुक्त सी. शिखा और अतिरिक्त वाणिज्य कर आयुक्त डॉ एमपी रविप्रसाद भी रहेंगे। बैठक के बाद मुख्यमंत्री 30 जून की सुबह 6:50 बजे चंडीगढ़ से रवाना होंगे और सुबह 9:45 बजे बेंगलूरु पहुंच जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक जीएसटी परिषद की बैठक में दरों को युक्ति संगत बनाने के अलावा राज्यों को राजस्व क्षतिपूर्ति के भुगतान पर चर्चा की उम्मीद है। कर दरों पर आधिकारियों की समिति या फिटमेंट कमेटी द्वारा प्रस्तावित दरों पर विचार किया जाएगा। समिति ने कृत्रिम अंगों और आर्थोपेडिक प्रत्यारोपण पर एक समान पांच प्रतिशत जीएसटी दर लागू करने की सिफारिश की है। समिति ने रोपवे यात्रा पर जीएसटी दर को वर्तमान में 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने की भी सिफारिश की है। इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जीएसटी दरों पर एक स्पष्टीकरण भी जारी किया जाएगा, जिसके मुताबिक ईवी, चाहे बैटरी से लैस हों या नहीं, पांच प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा।
जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की दो रिपोर्टें भी पेश की जाएंगी। गौरतलब है कि वित्त विभाग राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के पास ही है। बैठक में राजस्व घाटे की क्षतिपूर्ति जारी करने की मांग की जाएगी वहीं केंद्र ऐसे किसी कदम को तंग राजकोषीय स्थितियों का हवाला देते हुए रोकना चाहेगा। जीएसटी क्षतिपूर्ति कोष में कमी को पूरा करने के लिए केंद्र ने 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपए और 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया और राज्यों को जारी किया। उपकर संग्रह में कमी की वजह से ऐसा किया गया। देश में जीएसटी एक जुलाई 2017 से लागू किया गया था। राज्यों को इसके कार्यान्वयन के कारण होने वाले राजस्व नुकसान के एवज में पांच साल तक क्षतिपूर्ति का आश्वासन दिया गया था, जो इस महीने पूरा हो रहा है।