यहां चैतन्य महाप्रभु का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, फलों के रस तथा पुष्पों से अभिषेक किया गया। इसके बाद चैतन्य महाप्रभु के पुराने वस्त्र बदल कर नए वस्त्र व आवरण धारण कराया गया। इसके बाद विभिन्न प्रकार के दीपकों से महाआरती की गई। इस कार्यक्रम में कर्नाटक, तमिलनाडु व राजस्थान के प्रवासियों ने भी भारी संख्या में भाग लिया। बाद में सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण किया गया। इस्कॉन मंदिर ट्रस्ट के डॉ. कुलशेखर प्रभु ने बताया कि इस दिन चैतन्य महाप्रभु एवं नित्यानंद प्रभु के मूल विग्रह को नए वस्त्र धारण कराए गए तथा आवरण भी बदला गया।