बैंगलोर

गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करे सरकार-अविमुक्तेश्वरानन्द

ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती सोमवार को गौ प्रतिष्ठा ध्वज स्थापना अभियान के तहत बेंगलूरु पहुंचे। यहां जयनगर स्थित अग्रसेन भवन में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने कहा कि गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित कराने के लिए पिछले 22 सितम्बर को अयोध्या धाम में रामकोट की परिक्रमा कर गौ प्रतिष्ठा ध्वज यात्रा की शुरुआत की थी, ये ऐतिहासिक यात्रा पूर्वोत्तर के प्राय: सभी राज्यों में गौ प्रतिष्ठा ध्वज की स्थापना कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि विगत दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ सम्भाजी शिन्दे ने देसी (रामा) गाय को राज्यमाता घोषित कर केबिनेट की प्रस्ताव की कापी उन्हें सौंपी थी। उनकी इस यात्रा का उद्देश्य ऐतिहासिक यात्रा के माध्यम से भारत भूमि से गौ हत्या का कलंक मिटाकर गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित कराना है। उन्होंने कहा कि देश की सर्वोच्च व राज्य सरकारें गौ माता की हत्या को दंडनीय अपराध घोषित करें। गाय को पशु सूची से हटाएं और माता घोषित करें। शंकराचार्य ने देश में कई राजनीतिक पार्टियों की ओर से जाति वादी जनगणना कराए जाने की वकालत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे सनातन कमजोर होगा।

शंकराचार्य ने कहा कि गौ गंगा कृपाकांक्षी गोपालमणि का ये आन्दोलन अत्यन्त पवित्र है। इसलिए इस आन्दोलन को बल देने के लिए हम इस अभियान में लगे हुए हैं। गाय को दूध देने वाली मशीन समझने वाले और गाय को मांस समझने वाले दोनों ही गाय के महत्व से अनभिज्ञ है, भगवद्ग गीता में भगवान कहते हैं कि हमारे साथ भगवान ने यज्ञ को प्रकट किया और हम परस्पर एक दूसरे के लिए बनाए गए हैं। बिना गाय के सारी पूजा उपासना व्यर्थ है, 33 कोटि देवता की सेवा ही गौसेवा है। पहली रोटी हम अपने 33कोटि देव स्वरूपा गोमाता को समर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान को पाना है तो गोसेवा करो, भगवान ने कह रखा है-‘गवां मध्ये वसाम्यहम्’ मैं सदा गायों के बीच में ही रहता हूं।
शंकराचार्य ने करीब अपने आघा घंटा से अधिक समय के भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर प्रहार किए। इसके बाद शंकराचार्य मागड़ी रोड स्थित शिवनंदी बसवेश्वर उमामहेश्वर महागणपति नवग्रह सन्निधि मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने गो ध्वज की स्थापना की।

अग्रसेन भवन पहुंचने पर सुनील शर्मा, संजय बैद, रमेश दक, प्रवीण जैन, संजय अग्रवाल, सिद्धार्थ जैन, राकेश देसरला, अग्रवाल समाज के सुरेश मोदी, सतीश गोयल, ऋषि गुप्ता, अनिता कोठारी, दीपिका, गो सेविका शारदा चौधरी, गो सेविका पुष्पा बोहरा, राधा गुलेच्छा, कलाराम चौधरी, कर्नाटक होजरी एवं गारमेंट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दिलीप जैन, क्राइम इन्वेस्टीगेशन बोर्ड के अध्यक्ष बसंत जैन, राजपूत समाज, जैन समाज सहित अनेक समाज के प्रतिनिधियों ने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती का पाद प्रक्षालन कर स्वागत व सम्मान किया।

बैंगलोरOct 14, 2024 / 07:23 pm

Yogesh Sharma

गोरक्षकों को ही वोट दें सनातनी
जिसदिन गो हत्या रुकेगी, उस दिन कर्ज मुक्त होना शुरू


बेंगलूरु. ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती सोमवार को गौ प्रतिष्ठा ध्वज स्थापना अभियान के तहत बेंगलूरु पहुंचे। यहां जयनगर स्थित अग्रसेन भवन में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती ने कहा कि गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित कराने के लिए पिछले 22 सितम्बर को अयोध्या धाम में रामकोट की परिक्रमा कर गौ प्रतिष्ठा ध्वज यात्रा की शुरुआत की थी, ये ऐतिहासिक यात्रा पूर्वोत्तर के प्राय: सभी राज्यों में गौ प्रतिष्ठा ध्वज की स्थापना कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि विगत दिनों महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ सम्भाजी शिन्दे ने देसी (रामा) गाय को राज्यमाता घोषित कर केबिनेट की प्रस्ताव की कापी उन्हें सौंपी थी। उनकी इस यात्रा का उद्देश्य ऐतिहासिक यात्रा के माध्यम से भारत भूमि से गौ हत्या का कलंक मिटाकर गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित कराना है। उन्होंने कहा कि देश की सर्वोच्च व राज्य सरकारें गौ माता की हत्या को दंडनीय अपराध घोषित करें। गाय को पशु सूची से हटाएं और माता घोषित करें। शंकराचार्य ने देश में कई राजनीतिक पार्टियों की ओर से जाति वादी जनगणना कराए जाने की वकालत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे सनातन कमजोर होगा।
शंकराचार्य ने कहा कि गौ गंगा कृपाकांक्षी गोपालमणि का ये आन्दोलन अत्यन्त पवित्र है। इसलिए इस आन्दोलन को बल देने के लिए हम इस अभियान में लगे हुए हैं। गाय को दूध देने वाली मशीन समझने वाले और गाय को मांस समझने वाले दोनों ही गाय के महत्व से अनभिज्ञ है, भगवद्ग गीता में भगवान कहते हैं कि हमारे साथ भगवान ने यज्ञ को प्रकट किया और हम परस्पर एक दूसरे के लिए बनाए गए हैं। बिना गाय के सारी पूजा उपासना व्यर्थ है, 33 कोटि देवता की सेवा ही गौसेवा है। पहली रोटी हम अपने 33कोटि देव स्वरूपा गोमाता को समर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान को पाना है तो गोसेवा करो, भगवान ने कह रखा है-‘गवां मध्ये वसाम्यहम्’ मैं सदा गायों के बीच में ही रहता हूं।
शंकराचार्य ने करीब अपने आघा घंटा से अधिक समय के भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर प्रहार किए। इसके बाद शंकराचार्य मागड़ी रोड स्थित शिवनंदी बसवेश्वर उमामहेश्वर महागणपति नवग्रह सन्निधि मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने गो ध्वज की स्थापना की।
अग्रसेन भवन पहुंचने पर सुनील शर्मा, संजय बैद, रमेश दक, प्रवीण जैन, संजय अग्रवाल, सिद्धार्थ जैन, राकेश देसरला, अग्रवाल समाज के सुरेश मोदी, सतीश गोयल, ऋषि गुप्ता, अनिता कोठारी, दीपिका, गो सेविका शारदा चौधरी, गो सेविका पुष्पा बोहरा, राधा गुलेच्छा, कलाराम चौधरी, कर्नाटक होजरी एवं गारमेंट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दिलीप जैन, क्राइम इन्वेस्टीगेशन बोर्ड के अध्यक्ष बसंत जैन, राजपूत समाज, जैन समाज सहित अनेक समाज के प्रतिनिधियों ने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती का पाद प्रक्षालन कर स्वागत व सम्मान किया।

Hindi News / Bangalore / गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करे सरकार-अविमुक्तेश्वरानन्द

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.