बैंगलोर

उद्योगों के विकास के लिए कॉमन लेबर लॉ जरूरी- बालाकृष्णा

केंद्र व राज्य सरकार को उद्योग और व्यवसाय के विकास व उत्पाद की एम समान कीमतों के लिए देश भर में कॉमन लेबर लॉ बनाना चाहिए। ताकि सभी राज्यों में श्रमिकों को एकसमान वेतन, मजदूरी का भुगतान हो। इससे सभी बिजनेस कम्युनिटी को अपना बिजनेस स्टैंड करने में लाभ होगा। वहीं एक जैसे उत्पादों की लागत व कीमत पूरे देश में एक समान होगी। वर्तमान में सभी प्रदेशों में मजदूरी की दरें अलग-अलग हैं। इससे न तो सरकार को लाभ हो रहा है और ना ही बिजनेस कम्युनिटी को लाभ हो रहा है।

बैंगलोरDec 24, 2024 / 05:27 pm

Yogesh Sharma

एफकेसीसीआई के अध्यक्ष से बातचीत
अगले वर्ष होंगे चार बड़े आयोजन

-योगेश शर्मा
बेंगलूरु. केंद्र व राज्य सरकार को उद्योग और व्यवसाय के विकास व उत्पाद की एम समान कीमतों के लिए देश भर में कॉमन लेबर लॉ बनाना चाहिए। ताकि सभी राज्यों में श्रमिकों को एकसमान वेतन, मजदूरी का भुगतान हो। इससे सभी बिजनेस कम्युनिटी को अपना बिजनेस स्टैंड करने में लाभ होगा। वहीं एक जैसे उत्पादों की लागत व कीमत पूरे देश में एक समान होगी। वर्तमान में सभी प्रदेशों में मजदूरी की दरें अलग-अलग हैं। इससे न तो सरकार को लाभ हो रहा है और ना ही बिजनेस कम्युनिटी को लाभ हो रहा है।
एफकेसीसीआई के अध्यक्ष एम.जी.बालाकृष्णा ने कहा ने ‘पत्रिका’ से विशेष बातचीत में कहा कि वर्तमान में अलग-अलग प्रदेशों में न्यूनतम मजदूरी की दरें अलग-अलग होने से जहां श्रमिक समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं उत्पादन लागत भी प्रभावित होती है। इसके लिए केन्द्र सरकार को एक समान वेतन/मजदूरी के लिए कॉमन लेबर लॉ लाना चाहिए। ——————
अलग-अलग उद्योगों के लिए पॉलिसी भी हों अलगउन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार एमएसएमई के लिए नई पॉलिसी बना रही हैं। हमने सरकार से कहा है कि माइक्रो और स्मॉल, मध्यम और वृहद उद्योग का वर्गीकरण करने की जरूरत है। 80 से 90 प्रतिशत उद्योग स्मॉल और माइक्रो में आते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार से आग्रह किया है कि दोनों का वर्गीकरण कर अलग-अलग पॉलिसी बनाई जाए।
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ऑनलाइन ठगों से सावचेत रहना जरूरी

बालकृष्णा ने कहा कि सभी व्यवसायियों, उद्यमियों और आमजन को ऑनलाइन ठगी (साइबर क्राइम) से सावचेत रहने की बहुत जरूरत है। सरकारों ने ऑनलाइन भुगतान (तकनीक) की व्यवस्था लोगों को राहत देने व समय की बचत के लिए की थी। लेकिन हमारे देश में किसी भी तकनीक के फायदे जितने होते हैं उसके नुकसान भी होने लगते हैं। सरकार ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए पहल कर रही है। उन्होंने कहा कि कर्नाटका हाइटेक स्टेट होने के बावजूद यहां के लोग सबसे ज्यादा साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराधी तकनीक का इजाद करने वालों से ज्यादा चालाक हैं। साइबर अपराध में पकड़े जाने वाले अपराधी को कड़ी सजा मिलने लगेगी तो अपराधों पर लगाक कसेगी।
स्किल डवलपमेंट पर जोर

एफकेसीसीआई के अध्यक्ष एम.जी.बालकृष्णा ने कहा बेरोजगारी की समस्या निपटने के लिए एफकेसीसीआई निरंतर जॉब मेले का आयोजन कर रही है। वहीं स्किल डवलपमेंट के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित कर युवाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि युवाओं को आर्टिफीशियल इंटेलीजेंसी, स्पेस टैक्नोलॉजी, ड्रोन टैक्नोलॉजी आदि का प्रशिक्षण देकर रोजगार के नए द्वार खोल रहे हैं।

चार बड़े आयोजन होंंगे अगले साल

एफकेसीसीआई के अध्यक्ष ने बताया कि अगले एक वर्ष की उनकी प्रमुख् कार्य योजनाओं में तीन से चार बड़े कार्यक्रम रहेंगे। प्रथम इंडिया एमएसएमई कॉन्क्लेव मनाएंगे। राष्ट्रीय स्तर का यह कार्यक्रम अगले वर्ष मई में होगा। दूसरा एग्रीटेक समिट का आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि कृषि सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता सैक्टर है। किसान अभी तक कृषि को व्यवसाय के तौर पर नहीं लेता था। पहली बार इस सैक्टर को व्यवसाय के तौर पर ट्रीट करने का संदेश देेंगे। क्योंकि यह सैक्टर सबसे ज्यादा रोजगार की संभावना हैं। कृषि को आज भी हम पुरानी पारम्परिक तकनीक से कर रहे हैं। इस समिट में हम किसानों को नई तकनीक का उपयोग कर कम जमीन से अधिक उत्पादन लेने का संदेश देंगे। यह समिट जून २०२५ में आयोजित की जाएगी। तीसरा सबसे बड़ा आयोजन रिनुएबल एनर्जी का होगा। इसमें रिनुएबल एनर्जी के फायदे से अवगत कराया जाएगा। सरकार भी सोलर एनर्जी, हाइड्रोजन एनर्जी के लिए सहयोग कर रही है। इसके बाद ट्यूरिज्म पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। ताकि प्रदेश में ट्ूरिज्म का विकास हो सके। कारण कि अभी तक सरकारों से ट्यूरिज्म को महत्व नहीं दिया है। जबकि किसी भी प्रदेश की आमदनी में ट्यूरिज्म का महत्वपूर्ण स्थान होता है। प्रदेश में पर्यटन महत्व के मंदिर, इमारतें और बहुत कुछ है। हम समिट के जरिए सरकार से पर्यटक स्थलों के विकास पर चर्चा करेंगे।

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