उन्होंने पत्रकारों को बताया कि सभी कैदियोंं को आयुष्मान भारत कार्ड वितरित करने का फैसला लिया है। कैदियोंं के परिवार के सदस्य भी इस कार्ड का इस्तेमाल और लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंंने कहा कि कैदियों के लिए किद्वई, निम्हान्स और जयदेव इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोलजी तथा अन्य अस्पतालों में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। कैदियों के लिए अलग वार्ड बने हैं। इसकी जानकारी भी जेल अधिकारियों को नहीं है। कोई भी कैदी बीमार हो तो केवल विक्टोरिया, बोरिंग एन्ड लेडी कर्जन अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। कैदियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, मानसिक स्वास्थ्य, तम्बाकू नियंत्रण योजना और अन्य योजनाओं की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
अस्पताल में दवा नहीं
रणदीप ने कहा कि जेल के अंदर अस्पताल होने पर भी कैदियों के लिए दवाओं की कमी है। इसलिए पालिका ने दवा उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। इस जेल में पांच हजार से अधिक कैदियों को भेड़-बकरियों की तरह भरा गया है। कैदियों के स्वास्थ्य में सुधार लाने की जरूरत है।