मुख्यमंत्री २६ मार्च को बजट और विभिन्न विभागों की मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देंगे। जानकारो का कहना है कि बजट पारित होने के बाद सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित किया जा सकता है। हालांकि, सत्ता विपक्ष की निगाहें बुधवार को सदन में कांग्रेस की ओर से अपनाई जाने वाली रणनीति पर टिकी है। अगर कांग्रेस का धरना जारी रहता है तो सत्ता पक्ष ध्वनिमत से बजट और वित्त विधेयक पारित कराने सहित अन्य आवश्यक विधायी कामकाज निपटाने का विकल्प चुन सकता है।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के प्रमुख नेता बजट पर बोल चुके हैं और उपचुनावों की घोषणा हो जाने के कारण कांग्रेस सीडी प्रकरण को लेकर भाजपा को घेरने की कोशिश कर रही है। मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में कोरोना के बढ़ते मामलों और उपचुनावों की घोषणा के कारण सत्रावधि कम करने पर चर्चा हुई थी।
बिना चर्चा पारित हो गया विधेयक
बेंगलूरु. विधानसभा में मंगलवार को अल्पसंख्यक सहकारी संस्थाओं को सरकारी नियंत्रण में लेने संबंधी प्रावधान वाला विधेयक बिना किसी चर्चा या बहस के ही पास हो गया। कांग्रेस सदस्यों के सीडी प्रकरण पर धरना के बीच ही सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर ने कर्नाटक सोसइटीज पंजीयन संशोधन विधेयक पेश किया।
बेंगलूरु. विधानसभा में मंगलवार को अल्पसंख्यक सहकारी संस्थाओं को सरकारी नियंत्रण में लेने संबंधी प्रावधान वाला विधेयक बिना किसी चर्चा या बहस के ही पास हो गया। कांग्रेस सदस्यों के सीडी प्रकरण पर धरना के बीच ही सहकारिता मंत्री एसटी सोमशेखर ने कर्नाटक सोसइटीज पंजीयन संशोधन विधेयक पेश किया।
विधेयक को पेश करते हुए कहा कि राज्य में ३.७१ लाख सहकारी समितियां हैं, जिनमें से ६८०७ का संचालन अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से किया जाता है। मंत्री ने कहा कि इस विधेयक से इन समितियों के नियमन के साथ ही सदस्यों और आमलोगों के हितों की रक्षा करने में मदद मिलेगी। इस कानून की धारा २७ ए में किए संशोधन के मुताबिक जिन समितियों की वार्षिक बैठक नहीं हो, जिनके गवर्निंग काउंसिल का कार्यकाल पूरा हो गया अथवा जिनमें अनियिमितता का मामला हो, वहां सरकार को प्रशासक नियुक्त करने का अधिकार होगा।
सोमशेखर ने कहा कि वक्फ कानून समितियों की वार्षिक और चुनाव को लेकर अस्पष्ट है और जिन समितियों में नियमों का पालन नहीं होगा, वहां धारा २७ के तहत कार्रवाई की जाएगी। अब इस विधेयक को मंजूरी के लिए विधान परिषद में भेजा जाएगा। दोनों सदनों से पारित होने के बाद अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। सदन ने कर्नाटक इनलैड वाटर ट्रांसपोर्ट बोर्ड संशोधन विधेयक को भी हंगामे के बीच ही पारित कर दिया।