चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने बुधवार को अस्पताल के निरीक्षण के बाद यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इंफोसिस फाउंडेशन 30 करोड़ रुपए की लागत से आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा। अगले 10 दिनों में अस्पताल में कोविड मरीजों का उपचार शुरू हो सकेगा।
डॉ. सुधाकर ने कहा कि शुरू में अस्पताल में 180 बिस्तर होंगे, जिनमें उच्च प्रवाह ऑक्सीजन लाइनें होंगी। जरूरत पडऩे पर बिस्तरों को वेंटिलेटर से जोड़ा जा सकेगा। 30 वेंटिलेटर प्रदान किए जाएंगे। न्यूरो सर्जरी, कार्डियो सर्जरी, ऑपरेशन थिएटर और सीटी स्कैन के साथ अस्पताल में अन्य सुविधाएं होंगी।
दरअसल ब्रॉड वे रोड के किनारे बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका ने अस्पताल के लिए एक भवन का निर्माण किया था। करीब 18 माह पहले भवन का उद्घाटन भी हुआ लेकिन अस्पताल में पूरी तरह से उपचार शुरू नहीं हुआ। इसी वर्ष मार्च में डॉ. सुधाकर ने घोषणा की थी चिकित्सा शिक्षा विभाग इस भवन को कोविड अस्पताल में तब्दील करेगा जिसके लिए इंफोसिस फाउंडेशन ने मदद की पेशकश की थी। स्थानीय लोगों ने अपने इलाके में कोविड अस्पताल का विरोध किया था।
मृत्यु ऑडिट रिपोर्ट जमा करने के निर्देश
डॉ. सुधाकर ने शिवाजीनगर स्थित बॉरिंग एंड लेडी कर्जन अस्पताल का भी दौरा किया और उपचार सुविधाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मरीजों से बात भी की। अस्पताल में ज्यादा संख्या में मरीजों की मौत होने के कारण डॉ. सुधाकर ने अस्पताल प्रबंधन को मृत्यु ऑडिट रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं।