बैंगलोर

भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी चरम पर, विद्रोही यत्नाल गुट ने शुरू किया अपना प्रदर्शन

यतनाल ने आरोप लगाया कि वक्फ कानून पूरे भारत को पाकिस्तान बनाने का एक प्रयास है और इसका डटकर मुकाबला किया जाना चाहिए। वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येडियूरप्पा और उनके परिवार के खुले आलोचक यतनाल ने अक्सर मांग की थी कि कांग्रेस में गांधी परिवार के खिलाफ प्रभावी लड़ाई के लिए पार्टी केंद्रीय कमान को वंशवादी राजनीति को समाप्त करना चाहिए।

बैंगलोरNov 25, 2024 / 11:46 pm

Sanjay Kumar Kareer

बेंगलूरु. राज्य में वक्फ से जुड़े मामलों को मुद्दा बना कर भाजपा लगतार सत्ताधारी कांग्रेस को घेरने का प्रयास कर रही है लेकिन ऐसा लग रहा है कि वक्फ विरोधी प्रदर्शनों ने उल्टा भारतीय जनता पार्टी के भीतर की दरार और गुटबाजी को ही उजागर कर दिया है। रही सही कसर उपचुनावों में मिली करारी हार ने पूरी कर दी है। उपचुनाव में हार ने गुटीय कलह को और बढ़ा दिया है, जहां दोनों गुटों ने हाईकमान से हस्तक्षेप की मांग की है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र के खिलाफ विद्रोही गुट का नेतृत्व कर रहे विजयपुर के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने वक्फ बोर्ड द्वारा किसानों की जमीन और हिंदू मंदिरों, स्कूलों और सरकारी भवनों की जमीनों को हड़पने के कथित प्रयास के विरोध में सोमवार को बीदर से एक महीने तक चलने वाले विरोध प्रदर्शन को हरी झंडी दिखाई। उत्तरी कर्नाटक से सोमवार को शुरू हुआ महीने भर चलने वाला यह कार्यक्रम दक्षिणी कर्नाटक के चामराजनगर तक जाएगा। यतनाल के अनुसार, समापन समारोह 25 दिसंबर को बेंगलूरु में होगा।
विद्रोही गुट में कई बड़े नाम शामिल

रैली आयोजित करने वाले विद्रोही भाजपा नेताओं ने धर्मपुरा और चटनल्ली के दो गांवों का दौरा किया, जो कथित तौर पर वक्फ बोर्ड के नोटिस से पीड़ित हैं। यतनाल के नेतृत्व वाले खेमे में विधायक रमेश जारकीहोली, सांसद जी एम सिद्धेश्वर, पूर्व मंत्री अरविंद लिंबावली और पूर्व विधायक मधु बंगारप्पा सहित 12 वरिष्ठ भाजपा नेता शामिल हैं। जद-एस के वरिष्ठ नेता बंडप्पा काशेमपुर भी भगवा दुपट्टा पहनकर मार्च में शामिल हुए।
भाजपा वंशवादी राजनीति समाप्त करे

सभा को संबोधित करते हुए यतनाल ने आरोप लगाया कि वक्फ कानून पूरे भारत को पाकिस्तान बनाने का एक प्रयास है और इसका डटकर मुकाबला किया जाना चाहिए। वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येडियूरप्पा और उनके परिवार के खुले आलोचक यतनाल ने अक्सर मांग की थी कि कांग्रेस में गांधी परिवार के खिलाफ प्रभावी लड़ाई के लिए पार्टी केंद्रीय कमान को वंशवादी राजनीति को समाप्त करना चाहिए।
राज्य के नेतृत्व का खुला विरोध

भाजपा ने 4 दिसंबर से विजयेंद्र और विपक्ष के नेता आर. अशोक और छलवादी नारायणस्वामी की अगुवाई में तीन टीमों द्वारा तीन दिवसीय राज्यव्यापी दौरे की योजना बनाई थी। लेकिन यतनाल द्वारा पूर्व मंत्रियों रमेश जारकीहोली और अरविंद लिंबावली, पूर्व सांसद प्रताप सिम्हा और कुमार बंगारप्पा के साथ समानांतर विरोध प्रदर्शन आयोजित करके खुले तौर पर असंतोष जताने से भाजपा के नेता नाराज हो गए हैं।
तथ्य खोज टीम को जवाब

महीने भर चलने वाले इस मार्च को कर्नाटक भाजपा की तथ्य खोज टीम के जवाब के रूप में देखा जा रहा है, जो विजयपुर में किसानों की समस्याओं को समझने के लिए यतनाल के निर्वाचन क्षेत्र का दौरा कर रही है, जिन्हें कथित तौर पर वक्फ बोर्ड से संबंधित जमीन को बेदखल करने के लिए जिला प्रशासन से नोटिस मिले थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र द्वारा गठित तथ्य खोज टीम में यतनाल और विजयपुर जिले के एक अन्य भाजपा दिग्गज रमेश जिगजिणगी शामिल नहीं थे। जब विजयेंद्र की तथ्य खोज टीम ने विजयपुर का दौरा किया, तो यतनाल और उनके खेमे ने इससे खुद को दूर कर लिया।
यतनाल को समझाने का असर नहीं

भाजपा के प्रदेश महासचिव पी. राजीव ने स्वीकार किया कि राज्य के नेताओं ने यतनाल को समझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, यतनाल के व्यवहार से पार्टी को बहुत शर्मिंदगी उठानी पड़ी है और हम जल्द ही आलाकमान से शिकायत करेंगे।
यतनाल गुट के खिलाफ पुलिस से शिकायत

इस बीच, भाजपा के बीदर जिला प्रमुख ने यतनाल गुट के विरोध के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि लोगों का एक समूह वक्फ विरोध के दौरान भाजपा के प्रतीक और बैनर का दुरुपयोग कर रहा था।

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