उन्होंने कहा कि कॉल सेंटर से रैंडम जांच इस पर बेहतर निगरानी रखी जा सकती है। इससे अस्पतालों में भर्ती और डिस्चार्ज हुए मरीजों की संख्या के साथ ही उपलब्ध बिस्तरों के बारे में सही जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। मंत्री ने कहा कि पहले हेल्पलाइन ६० नंबरों के साथ काम कर रहा था। अब ७० अतिरिक्त लाइन उपलब्ध कराए गए हैं। इससे प्रतीक्षा समय कम होने के साथ ही फोन करने वाले व्यक्ति को जल्द सहायता उपलब्ध कराई जा सकेगी।
मंत्री ने कहा कि सभी कॉल सेंटरों में एक्जीक्यूटिव के साथ ही चिकित्सक भी तैनात किए गए हैं जो संबंधित जोन को कॉल स्थानांतरित किए जाने में विलंब की स्थिति में मरीज को समुचित सलाह देंगे।
कॉल सेंटर अस्पतालों की स्थिति की पड़ताल करने के साथ ही ट्राइजिंग सेंटर की तरह काम करेंगे। वॉररूम तथा कॉलसेंटर के बीच बेहतरीन समन्वय के कारण स्थिति पर नियंत्रण करना आसान हो गया है। इस मौके पर राजराजेश्वरी नगर के विधायक मुनिरत्न, बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका के आयुक्त गौरव गुप्ता, हेल्पलाइन के नोडल अधिकारी विपिन सिंह आदि मौजूद थे।