बेंगलूरु. मध्यप्रदेश के भोपाल संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर तथा अभिनेता कमल हासन के महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर दिए गए बयान कई दिन सुर्खियों में रहे। इन दोनों के बयानों को लेकर राष्ट्रव्यापी बहस चल रही है, स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बयान को लेकर स्पष्टीकरण देने की नौबत आई थी। कई गांधीवादी नेताओं ने साध्वी के इस बयान की कटु शब्दों में आलोचना की है। कर्नाटक के वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी एचएस दौरेस्वामी ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के महिमामंडन पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा था कि गांधीवाद हमेशा प्रासंगिक रहेगा। गांधी की हत्या की जा सकती है, लेकिन किसी के लिए महात्मा गांधी के आदर्श तथा उनकी विचारधारा की हत्या करना संभव नहीं है। विश्व में गांधीवाद अजर और अमर रहेगा। आज भी कर्नाटक में कई लोगों ने गांधीवाद को जीवन में उतारा है। कई गांधीवादी आज भी महात्मा गांधी के सिद्धातों पर अडिग हैं। ऐसे गांधीवादी लोगों में शामिल है उत्तर कन्नड़ जिले के तहसील मुख्यालय अंकोला का भासगौड़ा रामा नायक परिवार। यह परिवार महात्मा गांधीकी विचारधारों से इतना प्रेरित है कि 1959 में ही अंकोला में महात्मा गांधी का मंदिर बनवा दिया। मंदिर में आज भी प्रतिदिन महात्मा गांधी की प्रतिमा की आराधना जा रही है। वर्तमान में इस मंदिर की देखभाल भासगौड़ा रामा नायक की पुत्री सणम्मा कर रही हैं। मंदिर में ताला नहीं लगाया जाता है। कोई भी आकर इस मंदिर में महात्मा गांधी की प्रतिमा का दर्शन कर ध्यान कर सकता है। इस प्रतिमा की पूजा नहीं की जाती है। कर्नाटक के अंकोला में आजादी के लिए कई संघर्ष हुए थे। इस दौरान भासगौड़ा रामा नायक ने महात्मा गांधी के आदेशों के तहत यहां कई बार सत्याग्रह किया था। असहयोग आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन में अंकोला के हजारों लोगों ने भाग लिया था। वर्ष 1930 में यहां नमक सत्याग्रह में 40 हजार लोगों ने भाग लिया था। गांधी की विचारधारा से प्रेरित भासगौड़ा रामा नायक ने मंदिर के लिए परिवार की भूमि दान में दी थी। इस मंदिर का वर्ष 2009 में जीर्णोद्धार किया गया। कर्नाटक के पड़ोसी तेलंगाना के नालगोंडा जिले के चैत्याल गांव में भी वर्ष 2015 में महात्मा गांधी का मंदिर बनाया गया है। इस मंदिर में कांची के ब्लैक स्टोन में बनी गांधी की प्रतिमा की नित्य पूजा की जाती है। इस मंदिर के परिसर में महात्मा गांधी की विचारधारा को स्पष्ट करने वाले सिद्धांतों को सूचना पटल पर दर्ज किया गया है। मंदिर में देश के वाराणसी, अहमदाबाद, अमृतसर, तिरुपति, हरिद्वार समेत 30 से अधिक शहरों की मिट्टी से भरा कलश रखा गया है।