बेंगलूरु में युगलमुनि अमोघर्कीर्ति एवं मुनि अमरर्कीर्ति के आशीर्वाद से और 5 भट्टारक सिद्धांतकीर्ति, भुवनर्कीर्ति, भानुर्कीर्ति, लक्ष्मीसेन, धवलर्कीति के सान्निध्य में सभा का आयोजन हुआ।जैन युवा संगठन के अध्यक्ष दिनेश खिंवेसरा ने स्वागत किया। आदिनाथ जैन श्वेताम्बर संघ के अध्यक्ष गौतमचंद सोलंकी चिकपेट, कर्नाटक जैन एसोसिएशन दिगम्बर समाज अध्यक्ष प्रसन्नैया जैन, ऑल इंडिया श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस कर्नाटक के अध्यक्ष पुखराज मेहता, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा गांधीनगर के अध्यक्ष कमल दुग्गड़, जैन युवा संगठन सेवा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राजेश बांठिया, प्रकाश पिरगल, गौतम मांडोत, सज्जनराज मेहता, माला हरसेन्द्र, महेश जैन ने भी सभा को सम्बोधित किया गया। श्वेताम्बर समाज ओर से चम्पालाल दांतेवाडि़या ने दिगंबर समाज की ओर से कुमुदा ने मंच संचालन किया।
आदिनाथ चिकपेट संघ के अध्यक्ष गौतम सोलंकी ने कहा कि चिकपेट मंदिर से फ्रीडम पार्क तक महारैली सुबह 9 बजे शुरू होने वाली थी पर प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के कारण रैली को स्थगित करना पड़ा।शत्रुंजय गिरिराज का मामला
वक्ताओं ने कहा कि गुजरात के सौराष्ट्र स्थित अनंत सिद्धों की भूमि शत्रुंजय गिरिराज जैनों के श्रद्धा की आत्मा है। गुजरात हाईकोर्ट के निर्णय में स्पष्ट रूप से आदेश है कि पवित्र शत्रुंजय गिरिराज जैनों का सबसे पवित्र तीर्थ स्थान होने से गिरिराज पर तलहटी से शिखर तक गिरिराज की अखंडता या गिरिराज की पवित्रता को नुकसान हो या जैनों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे वैसी कोई भी प्रवृत्ति, किसी के भी द्वारा नहीं हो सकती। फिर भी, शत्रुंजय गिरिराज पर गैरकानूनी भूमि अधिग्रहण, गैरकानूनी घर व अन्य निर्माण, गैरकानूनी खनन आदि हो रहे हैं। जैनों की मांग है कि इस पर रोक लगाई जाए। गिरिराज पर हुए गैरकानूनी निर्माणों को दूर करने की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार तथा पुलिस विभाग के जिम्मे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सौंपी गई है।वक्ताओं का कहना था कि झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ पहाड़ियों पर स्थित सम्मेद शिखर जैन समुदाय का और एक बड़ा तीर्थ है। पारसनाथ पहाड़ियों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का राज्य सरकार का कदम उचित नहीं है। सब वक्ताओं की एक ही आवाज थी कि जो हमारा अधिकार है वह हमें प्राप्त होना ही चाहिए। पूरी सभा ने इसका समर्थन किया। आदिनाथ जैन श्वेताम्बर संघ चिकपेट के सचिव कांतिलाल ने आभार जताया। कार्यक्रम में जैन युवा संगठन के संयुक्त सचिव मदन मुणोत, कोषाध्यक्ष दिनेश तातेड़, कर्नाटक जैन एसोसिएशन सचिव राजकीर्ति व शीतल जैन का सहयोग रहा।
संतों के सान्निध्य में शुरू हुआ आंदोलनइससे पूर्व मुनि अमोघकीर्ति एवं मुनि अमरकीर्ति के नेतृत्व में कर्नाटक जैन भवन से ‘शिखरजी बचाओ’ आन्दोलन का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर अरिहंतगिरि के भट्टारक धवलकीर्ति, श्रीक्षेत्र कनकगिरि के भट्टारक भुवनकीर्ति, क्षेत्र कम्बदहल्ली के भट्टारक भानुकीर्ति, श्रीक्षेत्र एन आर पुरा के भट्टारक लक्ष्मीसेन, श्रीक्षेत्र अरतिपुर के भट्टारक सिद्धांतकीर्ति स्वामी ने पचरंगी जैन ध्वजा लहराकर रैली का शुभारम्भ किया। यह रैली कर्नाटक जैन भवन से प्रारम्भ होकर चिकपेट जैन मन्दिर होते हुए सम्मेदशिखर की जय- जयकार करते हुए फ्रीडम पार्क पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई।