सूत्रों के अनुसार आइडीडी ने इसके लिए जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर शीघ्रतापूर्वक तमाम जानकारियां मुहैया कराने कहा गया है। मुख्य रूप से जिन लोगों के नाम सुझाए जाएंगे वे स्थानीय स्तर पर उस क्षेत्र में ऐतिहासिक महत्व रखते हों और उनसे उस क्षेत्र का इतिहास जुड़ा हो। राज्य में बेंगलूरु के अतिरिक्त मैसूरु, मेंगलूरु, कलबुर्गी, बेलगावी और धारवाड़ से हवाई सेवाएं संचालित हैं।
राज्य के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री सीटी रवि के अनुसार हवाई अड्डों के नामकरण का प्रस्ताव है लेकिन फिलहाल इस पर कोई मंजूरी नहीं है। प्रस्ताव को पहले राज्य मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलेगी और उसके बाद नामकरण की प्रक्रिया शुरू होगी। सूत्रों का कहना है कि बेलगावी हवाई अड्डे का नामकरण रानी चेन्नमा या सांगोली रायण्णा के नाम पर किया जा सकता है। इसी प्रकार अन्य हवाई अड्डों का नामकरण भी क्षेत्रीय हस्तियों के ऊपर किया जा सकता है।
संस्कृति और इतिहास से जोडऩे की पहल
विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई अड्डों का नामकरण करने का फैसला उचित निर्णय है। इससे राज्य के लोग और विशेषकर नई पीढ़ी को अपने ऐतिहासिक महापुरुषों का इतिहास जानने का मौका मिलेगा। ऐसी पहल क्षेत्रीय संस्कृति और इतिहास से जोड़ती है। साथ ही न सिर्फ स्थानीय बल्कि बाहरी लोगों को भी गुममान हस्तियों और अन्य प्रकार के इतिहास की जानकारी मिलती है। यह किसी भी क्षेत्र की संस्कृति और गौरवशाली विरासत का स्मरण कराता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि हवाई अड्डों का नामकरण करने का फैसला उचित निर्णय है। इससे राज्य के लोग और विशेषकर नई पीढ़ी को अपने ऐतिहासिक महापुरुषों का इतिहास जानने का मौका मिलेगा। ऐसी पहल क्षेत्रीय संस्कृति और इतिहास से जोड़ती है। साथ ही न सिर्फ स्थानीय बल्कि बाहरी लोगों को भी गुममान हस्तियों और अन्य प्रकार के इतिहास की जानकारी मिलती है। यह किसी भी क्षेत्र की संस्कृति और गौरवशाली विरासत का स्मरण कराता है।
नामकरण पर विवाद का साया
हवाई अड्डों का नामकरण करना विवादों से जुड़ा मसला हो सकता है। जब बेंगलूरु हवाई अड्डे का नामकरण केंपेगौड़ा के नाम पर करने का निर्णय हुआ था उस समय भी ऐसा ही विवाद हुआ था। प्रख्यात साहित्यकार एवं कलाकार दिवंगत गिरीश कर्नाड ने तब टीपू सुल्तान के नाम पर बेंगलूरु हवाई अड्डे का नामकरण करने का सुझाव दिया था। उनका कहना था कि हवाई अड्डा दोड्डबलापुर में है जहां टीपू का जन्म हुआ था और वे कर्नाटक के एक महान शासक रहे जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। हालांकि कर्नाड के सुझाव पर तब कई कन्नड़ संगठनों और वोक्कालिगा संगठनों ने आपत्ति जताई थी। इसी प्रकार मैसूरु हवाई अड्डे का नामकरण पूर्ववर्ती शासक वाडियार के नाम पर करने का सुझाव पहले भी आया है लेकिन उस पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताते हुए टीपू के नाम पर हवाई अड्डे का नामकरण करने का सुझाव दिया था।
हवाई अड्डों का नामकरण करना विवादों से जुड़ा मसला हो सकता है। जब बेंगलूरु हवाई अड्डे का नामकरण केंपेगौड़ा के नाम पर करने का निर्णय हुआ था उस समय भी ऐसा ही विवाद हुआ था। प्रख्यात साहित्यकार एवं कलाकार दिवंगत गिरीश कर्नाड ने तब टीपू सुल्तान के नाम पर बेंगलूरु हवाई अड्डे का नामकरण करने का सुझाव दिया था। उनका कहना था कि हवाई अड्डा दोड्डबलापुर में है जहां टीपू का जन्म हुआ था और वे कर्नाटक के एक महान शासक रहे जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। हालांकि कर्नाड के सुझाव पर तब कई कन्नड़ संगठनों और वोक्कालिगा संगठनों ने आपत्ति जताई थी। इसी प्रकार मैसूरु हवाई अड्डे का नामकरण पूर्ववर्ती शासक वाडियार के नाम पर करने का सुझाव पहले भी आया है लेकिन उस पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताते हुए टीपू के नाम पर हवाई अड्डे का नामकरण करने का सुझाव दिया था।