बैंगलोर

तीन साल में करंट लगने से 1809 लोगों की मौत

राज्य में गत तीन वर्ष में बिजली का करंट लगने से 1809 लोगों की मौत हुई। विधान परिषद में मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने भाजपा के सदस्य लहरसिंह सिरोया के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2016-17 में 438 मौत हुई उनके परिजनों को 418.90 लाख और 287 घायलों को 18 लाख 23 हजार रुपए का मुआवजा दिया गया है।

बैंगलोरMar 18, 2020 / 07:38 pm

Santosh kumar Pandey

तीन साल में करंट लगने से 1809 लोगों की मौत

बेंगलूरु. राज्य में गत तीन वर्ष में बिजली का करंट लगने से 1809 लोगों की मौत हुई। विधान परिषद में मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने भाजपा के सदस्य लहरसिंह सिरोया के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2016-17 में 438 मौत हुई उनके परिजनों को 418.90 लाख और 287 घायलों को 18 लाख 23 हजार रुपए का मुआवजा दिया गया है।
वर्ष 2017-18 में 428 मौत हुई उनके परिजनों को 368.12 लाख तथा 337 घायलों को 30 लाख 6 9 हजार रुपए मुआवजा दिया गया है। वर्ष 2018 -19 में 512 मौत हुई उनके परिजनों को 479.46 लाख रुपए 354 घायलों को 31 लाख 39 हजार रुपए मुआवजा दिया गया। वर्ष 2019-20 में जनवरी माह तक 431 मौत हुई, उनके परिजनों को 415.52 लाख और 258 घायलों को 20 लाख 97 हजार रुपए मुआवजा दिया गया है।
बुनकरों की ऋणमाफी का वादा
बुनकरों को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं लाई जा रही हैं। उनका ऋण भी माफ किया जाएगा। कपड़ा मंत्री श्रीमंत पाटिल ने यह जानकारी। जनता दल (एस) के बसवराज होरट्टी के सवाल के लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि हैंडलूम पर उत्पादित कपड़ों पर उपभोक्ताओं को मिल रही 20 फीसदी रियायत का भुगतान राज्य सरकार की ओर से किया जा रहा है यह राशि सीधे बुनकरों के खाते में जमा हो रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य में 29 हजार 377 हैंडलूम्स है। बुनकर समुदाय के युवा अब हैंडलूम के बदले पॉवरलूम में अधिक आसक्ति दिखा रहें है। जिसके कारण से राज्य में हैंडलूम की संख्या लगातार घटती जा रही है। इसके बावजूद राज्य सरकार हैंडलूम को हरसंभव सहायता कर रही है। ऐसे उत्पादों के विपणन के लिए भी मदद की जा रही है।

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