बांदा की बबेरू तहसील क्षेत्र के बड़ा गांव का मामला
एडीएम बांदा राजेश कुमार ने बताया कि बांदा जिले की बबेरू तहसील के बड़ागांव में एक बड़ा कुआं है। जो फिलहाल सूख चुका है। इस कुएं पर ग्रामीणों के सहयोग से बैठने के लिए जगत बनवाई गई है। रविवार को इसी कुएं की जगत पर गांव निवासी 40 साल के अनिल पटेल, 21 साल के बाला वर्मा और 19 साल के संदीप वर्मा बैठे थे। इसी दौरान अनिल की एक चप्पल फिसलकर सूखे कुएं में जा गिरी। अनिल अपनी चप्पल निकालने के लिए कुएं में उतर गया। काफी देर तक अनिल के कुएं से बाहर नहीं आने पर संदीप और बाला भी कुएं में उतर गए। यह भी पढ़ें
कानपुर में महिला के साथ गैंगरेप की घटना से हड़कंप, दो गिरफ्तार
समाजसेवी ने गांव वालों को दी घटना की जानकारी
एडीएम बांदा राजेश कुमार ने बताया कि गांव के समाजसेवी पीसी पटेल ने तीनों को कुएं में उतरते देखा था। जब तीनों काफी देर तक कुएं से बाहर नहीं आए तो पीसी पटेल ने ग्रामीणों को इसकी जानकारी दी। ग्रामीणों ने कुएं में उतरने का प्रयास किया, लेकिन आधी दूरी पर जाने के बाद उनका दम घुटने लगा। इसपर लोगों ने पुलिस और प्रशासन को मामले की जानकारी दी। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम मास्क लगाकर कुएं में उतरी, लेकिन गैस का प्रभाव ज्यादा होने के चलते टीम नीचे नहीं जा सकी। इसपर फायर सर्विस टीम को बुलाया गया। फायर सर्विस टीम ने पहले कुएं की गैस का प्रभाव खत्म किया। उसके बाद तीनों युवकों को चारपाई के सहारे बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।भाई को बचाने के लिए कुएं में उतरा युवक आधी दूर से लौटा
गांव निवासी समाजसेवी पीसी पटेल ने बताया कि कुएं में जान गंवाने वाले संदीप और बाला एक ही परिवार के थे। जबकि अनिल पटेल संदीप और बाला का पड़ोसी था। तीनों के साथ अनहोनी की आशंका के चलते अनिल का भाई महेंद्र पटेल भी कुएं में उतरा था, लेकिन गैस से उसका दम घुटने लगा। इसपर वह आधी दूरी से बाहर आ गया। गांव में एक ही परिवार के दो लोगों समेत तीन मौतों से कोहराम मच गया। लोगों के घरों में चूल्हे नहीं जले। फिलहाल गांव में मातमी सन्नाटा पसरा है। एडीएम राजेश कुमार ने बताया कि तीनों युवकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।