पिता अजय कुमार यादव ने बताया कि उसने हाईस्कूल की परीक्षा 60 फीसदी अंकों से पास की थी। दोस्तों से उसके नंबर कम थे। इससे खिन्न होकर उसने आत्मघाती कदम उठाया है।
अजय कुमार यादव ने बताया कि हेमंत दो भाई थे। बड़ा भाई हिमांशु भागवत प्रसाद मेमोरियल इंटर कॉलेज, चिल्ला रोड में इस वर्ष 12वीं का छात्र है। शहर कोतवाली के बंगालीपुरा, सुतरखाना निवासी हेमंत यादव (15) ने मंगलवार की शाम यूपी बोर्ड का रिजल्ट घोषित होने के बाद रेलवे क्रासिंग क्योटरा पर ट्रेन से कटकर जान दे दी थी। वह सरस्वती प्रकाश मंदिर का छात्र था। हेमंत अपनी मां का लाडला था।
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दो भाइयों में छोटा मां का लाडला था हेमंत यादवअजय कुमार यादव ने बताया कि हेमंत दो भाई थे। बड़ा भाई हिमांशु भागवत प्रसाद मेमोरियल इंटर कॉलेज, चिल्ला रोड में इस वर्ष 12वीं का छात्र है। शहर कोतवाली के बंगालीपुरा, सुतरखाना निवासी हेमंत यादव (15) ने मंगलवार की शाम यूपी बोर्ड का रिजल्ट घोषित होने के बाद रेलवे क्रासिंग क्योटरा पर ट्रेन से कटकर जान दे दी थी। वह सरस्वती प्रकाश मंदिर का छात्र था। हेमंत अपनी मां का लाडला था।
गोदाम की रखवाली और दूध के पैसे से चलता है घर
मृतक छात्र हेमंत के पिता अजय यादव ने बताया कि वह मूलत: देहात कोतवाली क्षेत्र के जारी गांव के रहने वाले हैं। तकरीबन 20 वर्ष से वह बंगालीपुरा, सुतरखाना मोहल्ले में मकान बनाकर रह रहे हैं। वह प्राइवेट में मंडी समिति स्थित गेहूं गोदाम की रखवाली भी करते हैं। घर में दो भैसों से दूध का व्यापार भी होता है। उनके दो ही पुत्र थे।
मृतक छात्र हेमंत के पिता अजय यादव ने बताया कि वह मूलत: देहात कोतवाली क्षेत्र के जारी गांव के रहने वाले हैं। तकरीबन 20 वर्ष से वह बंगालीपुरा, सुतरखाना मोहल्ले में मकान बनाकर रह रहे हैं। वह प्राइवेट में मंडी समिति स्थित गेहूं गोदाम की रखवाली भी करते हैं। घर में दो भैसों से दूध का व्यापार भी होता है। उनके दो ही पुत्र थे।
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हाथ में लिखा था मोबाइल नंबरपिता अजय यादव ने बताया कि घटना वाले दिन उसे पुलिस से जानकारी हुई कि उसके हाथ में मोबाइल नंबर लिखा था। इस नंबर पर कई बार कॉल कर चुके हैं, लेकिन नंबर बंद बता रहा है। नंबर किसका है, यह पता चल जाए तो यह राज खुल सकता है कि इतना बड़ा आत्मघाती कदम उसने क्यों उठाया। जीआरपी एसआई जयकरन ने बताया कि पिता ने शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए लिख कर दिया था। पोस्टमार्टम में खुदकुशी की पुष्टि हुई है।
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मां का लाडला था हेमंतहेमंत मां कविता का लाडला था। मां के हाथ से खाना खाता था। यहां तक कि मां उसे नहलाती भी थी। घटना वाले दिन मां ने 50 रुपये संकट मोचन मंदिर में प्रसाद चढ़ाने के लिए दिए थे। उधर, सरस्वती प्रकाश मंदिर स्कूल के अध्यापक जर्नादन प्रसाद तिवारी ने बताया कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि हेमंत ऐसा कर सकता है।
मां बोली- ऐसी कोई बात नहीं थी
हेमंत शुरू से ही वह पढ़ने में होशियार था। कहीं कोई ऐसी बात नहीं थी, जिससे वह इतना बड़ा आत्मघाती कदम उठा लेता। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ट्रेन से कटकर खुदकुशी की पुष्टि की गई है। जीआरपी एसआई जयकरन ने बताया कि पिता ने हेमंत का पोस्टमार्टम कराने के लिए लिख कर दिया था।
हेमंत शुरू से ही वह पढ़ने में होशियार था। कहीं कोई ऐसी बात नहीं थी, जिससे वह इतना बड़ा आत्मघाती कदम उठा लेता। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ट्रेन से कटकर खुदकुशी की पुष्टि की गई है। जीआरपी एसआई जयकरन ने बताया कि पिता ने हेमंत का पोस्टमार्टम कराने के लिए लिख कर दिया था।