किसान अनिल कुमार सिंह ने बताया की उन्होंने 44.50 कुंटल गेहूं की तौल कराई थी लेकिन केवल 42 कुंटल गेहूं का पैसा उसके खाते में भेजा गया। खरीद की पावती भी नियम से नहीं दी जाती। किसान दीनानाथ ने बताया कि उन्हें मात्र एक सादे कागज पर तौल लिखकर दे दिया गया और जो भुगतान उनके खाते में भेजा गया, उसमें 5 परसेंट की कटौती की गई। जबकि तौल के समय पल्लेदारी के नाम पर 20 प्रति क्विंटल के हिसाब से अवैध वसूली की गई। किसानों का कहना है कि खरीद केंद्रों पर कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं होता, जिससे वह अपनी शिकायत कर सकें। खरीद केंद्रों पर की जा रही मनमानी से किसानों में आक्रोश भी हैं।
लापरवाही पाए जाने पर होगी कड़ी कार्रवाई
जिला प्रशासन ने इसे गंभीर मामला बताते हुए मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की बात कही है। अपर जिलाधिकारी अरूण कुमार शुक्ल ने कहा कि केंद्र श्रीदत्तगंज के संबंध में एक कंप्लेन आई है कि इसमें पावती जो दी गई है किसान को उससे पेमेंट कम गेहूं का दिया गया है। जिसकी कंप्लेन हुई है, इसकी जांच करेंगे। जितनी रिसीविंग हुई है उतनी पेमेंट करनी पड़ेगी। अगर ऐसा जानबूझकर किया गया है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।