आरती तिवारी का रहन-सहन शुरू से ही बेहद साधारण रहा है। उनकी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही प्राइमरी स्कूल से हुई। श्रावस्ती जिले के एकघरवा से हाईस्कूल में 75.5 प्रतिशत अंक लाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। चौधरीडीह से 68 फीसदी अंकों के साथ 12वीं परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। इसके बाद नगर के महारानी लाल कुंवरि महाविद्यालय में स्नातक में प्रवेश लिया। समाजशास्त्र, हिंदी व संस्कृत विषयों के साथ स्नातक की शुरुआत की। वर्तमान में वह तृतीय वर्ष में हिंदी व संस्कृत विषय के साथ अपने ख्वाबों को पंख देने में जुटी है।
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गंवई परिवेश में पली-बढ़ी हैं आरती तिवारी गंवई परिवेश में पली-बढ़ी आरती तिवारी तीन भाई व दो बहनों में सबसे बड़ी हैं। मां शालिनी तिवारी गृहणी और पिता सिद्धनाथ तिवारी ग्राम प्रधान रह चुके हैं। चाचा श्याम मनोहर तिवारी राजनीति में सक्रिय होने के साथ समाजसेवा में आगे हैं। आरती बताती हैं कि पापा और चाचा को देखकर ही उन्होंने राजनीति में आने का निर्णय लिया है। कहा कि अब लोगों की मदद के साथ ही जिले का सर्वांगीण विकास ही उनकी प्राथमिकता है।