गौरतलब है कि बलरामपुर जिले में पिछले 20 दिनों से एक बाघ विचरण कर रहा है। 1-2 मार्च को बाघ वाड्रफनगर क्षेत्र के कैलाशपुर जंगल में देखा गया था। उसकी लगातार दहाड़ से आस-पास के लोग थर्रा उठे थे। दूसरे दिन यहां से निकलकर बाघ बच्छराज कुंवर धाम जंगल की ओर जाने की सूचना थी।
इसके एक दिन बाद बाघ गोवर्धनपुर से गुजरे इरिया नदी में पानी की तलाश में पहुंचा था। इसी बीच बाघ बुधवार को जहां वाड्रफनगर-सुरहर से ग्राम कृष्णनगर धमनी पहुंचा। इसके बाद वह शुक्रवार को वह रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम परहियाडीह में सुबह देखा गया। इधर शुक्रवार की दोपहर गांव के रामजीत मरकाम का बैल जंगल में चरने गया था, जहां मौजूद बाघ ने उस पर हमला कर दिया।
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प्रत्यक्षदर्शी ग्रामीणों ने बताया कि बाघ द्वारा बैल को घसीटते हुए 50 मीटर तक ले जाया गया एवं एक गड्ढे में डालकर उसे मार डाला गया। बाघ अभी भी गांव के जंगल में है। इससे ग्रामीण दहशत में हैं।
ग्रामीणों से जंगल में न जाने की अपील
क्षेत्र के रेंजर संतोष पांडेय ने बताया कि रामनुजगंज वन परीक्षेत्र में बुधवार से ही बाघ विचरण कर रहा है, परहियाडीह में हमला कर उसने एक बैल की जान ले ली। वन विभाग के द्वारा मुनादी कराकर ग्रामवासियों से जंगल की ओर नहीं जाने की अपील की जा रही है।