बरसात में पलटन घाट की नैसर्गिक खूबसूरती को चार चांद लग गए हैं। रामानुजगंज के सबसे नजदीक पिकनिक स्पाट पलटन घाट नगर वासियों के लिए वरदान के समान है। (Tourist spot)
रामानुजगंज वाड्रफनगर मुख्य मार्ग पर स्थित पलटन घाट अपने नैसर्गिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। यहां पत्थरों की अद्भुत श्रृंखला एवं विशालकाय पत्थरों के बीच से कल-कल करती बहने वाली कनहर नदी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। पलटन घाट के एक ओर छत्तीसगढ़ तो दूसरी ओर झारखंड है।
रामानुजगंज वाड्रफनगर मुख्य मार्ग पर स्थित पलटन घाट अपने नैसर्गिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। यहां पत्थरों की अद्भुत श्रृंखला एवं विशालकाय पत्थरों के बीच से कल-कल करती बहने वाली कनहर नदी सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है। पलटन घाट के एक ओर छत्तीसगढ़ तो दूसरी ओर झारखंड है।
दोनों ओर का नजारा अद्भुत है। पेड़ों की हरियाली एवं पहाड़ की खूबसूरती देखते बनती है। पलटन घाट जिले के प्रमुख पिकनिक स्पाट में एक है परंतु यह प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार दशकों से बना हुआ है। (Tourist spot)
करीब एक दशक पहले यहां सीसी रोड एवं सैलानियों को रोकने के लिए दो कमरे तो बनवाए गए हैं परंतु अभी तक पलटन घाट में उतरने के लिए सीढ़ी नहीं बनवाई जा सकी है। ऐसे में बच्चों एवं बुजुर्गों को पलटन घाट में उतरने में काफी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
पत्थरों की है अद्भुत आकृति एवं रंग
पलटन घाट की विशेषता यह है कि यहां जो विशालकाय पत्थरों की अद्भुत श्रृंखला है वे सभी पत्थर लाल कलर के हैं। वहीं जहां से पत्थरों की श्रृंखला खत्म होती है वहां से जो भी पत्थर है वह सभी काले हैं। यहां के पत्थरों की अद्भुत आकृति एवं रंग लोगों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करती है। (Tourist spot)
पलटन घाट की विशेषता यह है कि यहां जो विशालकाय पत्थरों की अद्भुत श्रृंखला है वे सभी पत्थर लाल कलर के हैं। वहीं जहां से पत्थरों की श्रृंखला खत्म होती है वहां से जो भी पत्थर है वह सभी काले हैं। यहां के पत्थरों की अद्भुत आकृति एवं रंग लोगों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करती है। (Tourist spot)
पड़ोसी राज्यों से भी आते हैं सैलानी
पलटन घाट जहां छत्तीसगढ़ के सैलानियों से भरा रहता है, वहीं इसकी नैसर्गिक सौंदर्य को निहारने पड़ोसी राज्य झारखंड के गढ़वा, डालटेनगंज, रंका सहित उत्तरप्रदेश के कई शहरों से बड़ी संख्या में सैलानी यहां पिकनिक मनाने आते हैं। नए साल के आगाज में यहां पैर रखने तक की जगह नहीं मिल पाती है।
वन विभाग चाहे तो कर सकता है विकसित
पलटन घाट वन क्षेत्र के अंतर्गत आता है वन विभाग का पुराना पौधारोपण केंद्र पलटन घाट के बगल में स्थित है यदि वन विभाग चाहे तो इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर सकता है। साथ ही सैलानियों की सुविधा के अनुसार कई व्यवस्थाएं यहां की जा सकती हैं।